Saturday, April 27, 2024
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Mukesh Ambani के सासन पावर में प्रदूषण फैलाने का आरोप, NGT टीम के सामने ही बिफरे साहब

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Mukesh Ambani: मुकेश अंबानी(mukesh ambani) देश नहीं एशिया(asia) के दूसरे नंबर(dusare number) के उद्योगपति हैं वह बिजली उत्पादन के क्षेत्र (kshetra) में लगातार काम कर रहे हैं जहां सिंगरौली (singrauli) स्थित सासन पावर(sasan power) में ग्रामीणों(gramino) ने कंपनी पर प्रदूषण (pollution) फैलाने का आरोप लगाया है जिसके बाद से एनजीटी(ngt) की टीम अब सिंगरौली (singrauli) पहुंचे जांच कर रही है.

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Mukesh Ambani: सिंगरौली 13 नवम्बर। जिला मुख्यालय बैढऩ (waidhan) के हर्रहवा में सासन पावर रिलांयस(reliance) के ऐशडाइक एवं बिजली उत्पादन से फैल रहे प्रदूषण के मामले में शिकायतकर्ता के आरोप पर एनजीटी (ngt) की तीन सदस्यीय टीम पहुंची हुई थी। जहां कल देर शाम एनजीटी (ngt) की टीम जांच-पड़ताल(jaanch padtaal) कर सेम्पल (sample) के साथ रवाना हो गयी। इस दौरान एक सैकड़ा लोगों के सेम्पल (sample) लिये गये। जिसमें केवल 4 बीमार लोगों का ही बड़े दबाव के साथ सेम्पल(sample) लिया गया। वही क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी पूरी तरह से सासन पावर के बचाव मुद्रा में लगे रहे।

दरअसल सासन निवासी लालमन शाह पिछले अपै्रल महीने में एनजीटी के शरण में पहुंचा था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि रिलायंस सासन  अल्ट्रा मेगा पावर के प्लांट से प्रदूषण फैल रहा है। शिकायतकर्ता की सुनवाई वीडियो कान्फें्रसिंग के माध्यम से शुरू हुई। सितम्बर महीने में एनजीटी की प्रधान पीठ में शामिल जस्टिस अरूण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य डॉ.अफरोज अहमद ने आदेश पारित किया कि इस प्रकरण में कार्रवाई के लिए पहले राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व जिला मजिस्ट्रेट संयुक्त जांच दल गठित कर मौके की पड़ताल करायें. Mukesh Ambani

पीसीबी के समन्वयक एवं आदेश के अनुपालन के लिए नोडल एजेंसी बनाते हुए 4 सप्ताह के भीतर संयुक्त जांच दल को साइट विजिट कर आवेदक द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायतों  व आपत्तियों का सत्यापन करने के साथ ही उसमें कानून सम्मत राहत उपयोग एवं कार्रवाई के संबंध में ईमेल के माध्यम से एनजीटी को दो महीने के अंदर जांच रिपोर्ट देने के लिए निर्देशित किया गया है। इसी परिप्रेक्ष्य में एनजीटी की तीन सदस्यीय टीम गत दिवस हर्रहवा पहुंची.

दो दिनों तक शिकायतकर्ता के साथ एनजीटी की टीम ने खेतों के मिट्टी का सेम्पल लिया। साथ ही शिकायतकर्ता के घर पर एबिएंट एयर क्वालिटी मशीन लगाकर हवा में पानी यानी पर्टिकुलेट मैटर जुड़े आंकड़े एकत्र शुरू करने का काम किया। अंतिम दिन कल शनिवार को एनजीटी टीम के सदस्यों के साथ-साथ स्थानीय स्तर के अधिकारी व सासन पावर अमले के साथ लोगों के सेम्पल लिये जा रहे थे. Mukesh Ambani

इसी दौरान जनप्रतिनिधि व अन्य लोगों ने आरोप लगाया कि जो लोग स्वस्थ्य हैं उन्हीं लोगों का सेम्पल लिया जा रहा है। इसी बात को लेकर जमकर हंगामा हुआ। अंत में स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों के दबाव के बाद आरोप है कि  एक सैकड़ा में से केवल 4 बीमार लोगों के ही सेम्पल लिये गये। मौके से मौजूद क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी ने खुलकर कंपनी के बचाव में सामने आ गये। जबकि यहां सांस, दमा,आंख, हार्ट सहित कई बीमारियों से लोग ग्रसित हैं।  हालांकि प्रदूषण की मार से सासन पावर क्षेत्र में ही नहीं बल्कि समूचा सिंगरौली इलाका जूझ रहा है. Mukesh Ambani

वीडियो बनाने पर प्रदूषण अधिकारी तमतमाये

हर्रहवा गांव में शनिवार को एनजीटी की टीम पहुंची हुई थी। इस दौरान स्थानीय, जिला एवं खण्ड स्तर के अधिकारी व क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण का अमला भी मौजूद था। इसी दौरान खेतों के सेम्पल के अलावा स्थानीय हष्ट,पुष्ट ग्रामीणों का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा था। तभी मीडिया कर्मी फुटेज लेने लगे। इसी बात को लेकर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी तमतमाते हुए तरह-तरह के सवाल करने लगे। उनका कहना था कि वीडियो बनाने के लिए परमिशन कहां है। इसी बात को लेकर मीडिया कर्मियों के बीच जमकर तूतू-मैमै होने लगा। ग्रामीण भी मीडिया कर्मियों के साथ खड़े हो गये तब अचानक साहब बैकफुट पर आ गये और चुप्पी साध लिये. Mukesh Ambani

कंपनियों पर मेहरबान है प्रदूषण नियंत्रण अमला

सिंगरौली में एयर क्वालिटी इंडैक्स वैल्यू की हालत बेहद खराब स्थिति में है। लगातार एक महीने से एक्यूआई वैल्यू 300 के पार पहुंच रहा है। जिसके कारण लोगों के चेहरे में जलन सहित  अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसके बावजूद क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अमला बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठा रहा है। बल्कि शिकायतकर्ता लालमन शाह को धमकी देकर सीएम हेल्पलाईन के शिकायत को बंद कराने का हर संभव प्रयास भी किया है। 

आरोप लगाया जा रहा है कि प्रदूषण नियंत्रण अमला यहां के औद्योगिक कंपनियों पर बड़ा दिल दिखाते हुए उन्हें प्रदूषण फैलाने के लिए खुली छूट दे रखा है। यही कारण है कि सिंगरौली का एक्यूआई वैल्यू लगातार बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच रहा है। प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अपनी करतूतों को छुपाने के लिए हर तरह का हथकंडा अपनाते हुए एनजीटी के सामने ही ढोल का पोल न खुले इसके लिए कवायदे शुरू कर दिया। यह भी आरोप है कि प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी की कार्य प्रणाली चर्चाओं में आ रही है. Mukesh Ambani

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