Tuesday, April 16, 2024
HomeMadhya PradeshVindhyaPM आवास घोटाले में अधिकारी, कर्मचारियों पर भी हो FIR, मातहतों को...

PM आवास घोटाले में अधिकारी, कर्मचारियों पर भी हो FIR, मातहतों को बचाने में जुटा है जिला पंचायत अमला

- Advertisement -
- Advertisement -


सिंगरौली 13 नवम्बर। प्रधानमंत्री आवास योजना के घोटाले को लेकर अब मांग शुरू हो गयी है कि कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ के द्वारा आयोजित होने वाली समीक्षा बैठक में गलत आंकड़ा प्रस्तुत करने वाले जनपद स्तर के तत्कालीन अधिकारी,कर्मचारियों पर भी एफआईआर दर्ज हो। इस तरह की मांग देवसर क्षेत्र के प्रबुद्धजन करने लगे हैं।


गौरतलब हो कि जनपद पंचायत देवसर के ग्राम पंचायत क्षेत्र खंधौली में प्रधानमंत्री आवास योजना में व्यापक पैमाने पर गड़बड़झाला हुआ है। शिकायत पर जांच टीम ने मुख्य रूप से रोजगार सहायक को दोषी मानते हुए ब्लाक क्वार्डिनेटर पीएम आवास देवसर के रिपोर्ट पर जियावन पुलिस ने रोजगार सहायक के खिलाफ अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया। वहीं अब यह आरोप लगाया जा रहा है कि पीएम आवास में अकेले रोजगार सहायक ही दोषी नहीं है। इसमें तत्कालीन पंचायत सचिवों के साथ-साथ ब्लाक क्वार्डिनेटर, उपयंत्री एवं पीसीओ तथा तत्कालीन जनपद सीईओ भी सहभागी हैं। इनके द्वारा कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ के समीक्षा बैठक के दौरान फर्जी आंकड़बाजी दी जा रही थी। जबकि नियमानुसार आवास निर्माण के स्टेप बाई स्टेप कार्यों का फोटो व प्रगति देने का प्रावधान है।

आरोप लगाया जा रहा है कि जनपद स्तर के अधिकारी एवं कर्मचारियों की मिलीभगत से ही पीएम आवास योजना में व्यापक फर्जीवाड़ा हुआ है। इस फर्जीवाड़े में अकेले सबसे छोटे एवं संविदा कर्मचारी रोजगार सहायक पर दोष मढ़कर अन्य अमले को बचाने के लिए जिला पंचायत का अमला कवायदे कर रहा है। वहीं पीएम आवास घोटाले की जांच में शामिल अधिकारी व अन्य सदस्यों की कार्यप्रणाली पर भी तरह-तरह के सवाल उठाये जा रहे हैं। यहां के प्रबुद्धजनों ने नवागत कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के साथ-साथ जिला पंचायत सीईओ का ध्यान आकृष्ट कराते हुए पीएम आवास योजना के फर्जीवाड़े में शामिल अन्य अमले पर भी एफआईआर दर्ज कराकर कड़ी कार्रवाई किये जाने की मांग तेज कर दी गयी है।


बिना सुनवाई के ही रोजगार सहायक टर्मिनेट
खंधौली ग्राम पंचायत के ग्राम रोजगार सहायक प्रदीप मिश्रा को कलेक्टर ने पीएम आवास घोटाले व फर्जीवाड़ा के आरोप में इसी माह के प्रथम सप्ताह में ही टर्मिनेट कर दिया। आरोप है कि आवास घोटाले में फर्जीवाड़ा किया है। जांच के दौरान 47 प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों की राशि डकार ली गयी है। नोटिस देने के बावजूद इसका जबाव नहीं दिया गया। जबकि रोजगार सहायक ने कलेक्टर के यहां से जारी नोटिस का जबाव 21 अक्टूबर को कलेक्टोरेट के आवक-जावक शाखा में दे दिया था।

करीब 11 दिन बाद भी कलेक्टोरेट के आवक-जावक शाखा से कलेक्टर तक जीएस के जबाव नहीं पहुंच पाया। बर्खास्तगी आदेश में तत्कालीन कलेक्टर ने इस बात का जिक्र भी किया था कि 17 अक्टूबर को जीएस खंधौली को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। किन्तु उसने किसी प्रकार का जबाव प्रस्तुत नहीं किया। बर्खास्त जीएस के पास कलेक्टोरेट के आवक-जावक शाखा में प्रस्तुत किये गये नोटिस के जबाव की पावती भी है।

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular