Friday, April 26, 2024
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magic dream:भगवान महावीर के जन्म से पहले रानी त्रिसाला ने देखे थे चमत्कारिक स्वप्न

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magic dream: भगवान महावीर के जन्म से जुड़ी कुछ रोचक एवं चमत्कारिक घटना है उनके जन्म से पहले उनकी मां महारानी त्रिशाला नगर में हो रही अद्भुत रत्न वर्षा के बारे में सोच रही थी यह सोचते सोचते वह गहरी नींद में सो गई उसी रात को अंतिम पहाड़ में महारानी ने 16 शुभ मंगलकारी सपने देखे वह आषाढ़ शुक्ल षष्ठी का दिन था सुबह जागने पर रानी के महाराज सिद्धार्थ ने अपने सपनों की चर्चा की।

magic dream: उसका फल जानने की इच्छा प्रकट की राजा सिद्धार्थ एक कुशल राजनीतिज्ञ के साथ-साथ ज्योतिष शास्त्र के विद्वान थे उन्होंने रानी से कहा एक-एक कर अपना स्वप्न बताएं उसी प्रकार उसका फल बताते चलेंगे तब महारानी त्रिसाला ने अपने सारे स्वप्न स्वप्न उन्हें एक-एक करके विस्तार से बताएं जिसका वर्णन करते हुए महाराज सिद्धार्थ ने उन्हें बताया कि 16 स्वप्न और उनके फल इस प्रकार है। इसमें पहला स्वप्न है एक अति विशाल श्वेत हाथी दिखाई दिया इसके फल में उन्हें एक अद्भुत पुत्र रत्न प्राप्त होगा श्वेत वृषभ भी दिखा किसके फल में पुत्र जगत का कल्याण करने वाला होगा श्वेत वर्ण और लाल आया लो वाला सिंह इसके फल में वह पुत्र सिंह के समान बलशाली होगा।

लक्ष्मी का अभिषेक करते हुए दो हाथी इसमें देवलोक से देवगढ़ आकर उस पुत्र का अभिषेक करेंगे दो सुगंधित पुष्प माला है इसमें वह धर्म तेज स्थापित करेगा और जन-जन द्वारा पूजित होगा पूर्ण चंद्रमा उसके जन्म से तीनों लोग हो जाएंगे उदय होता सूर्य पुत्र सूर्य के समान और पापी प्राणियों का उद्धार करने वाला होगा कमल पत्तों से ढके हुए 2 स्वर्ण कलश इसके फल में वह पुत्र अनेक विधियों का स्वामीजी होगा कमल सरोवर में कीड़ा करती तो मछलियां वह आनंद का दादा होगा कमरों से भरा जलाशय इसके फलस्वरूप 1700 से युक्त पुत्र प्राप्त होगा। magic dream:

खीर समुद्र सागर जैसी असीम गहराइयों का वह साधक होगा हीरे मोती और रतन सिंहासन इसके फलस्वरूप आपका पुत्र राज्य का स्वामी व राजा का हित चिंतक होगा स्वर्ग का विमान इसके फलस्वरूप इस जन्म से पहले वह पुत्र स्वर्ग में देवता होगा पृथ्वी को भेंट कर निकलता नागों के राजा नागेंद्र का अभिमान इसमें वह पुत्र जन्म से त्रिकालदर्शी होगा रत्नों का ढेर इसमें वह पुत्र अनंत गुणों से संपन्न होगा धुआं रहित अग्निपुत्र सांसारिक कर्मों का अंत करके मोक्ष को प्राप्त होगा

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