Friday, April 26, 2024
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Underwater Train: नए साल में चलेगी पानी के भीतर ट्रैन,यात्रियों को लंदन और पेरिस का मिलेगा अद्भुत रोमांच,जानिये क्या रहेगा, ख़ास

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Underwater Train: नए साल में देश में पहली बार एक ऐसी ट्रेन का ट्रक बनाया गया है जो नदी के नीचे से होकर गुजरेगी। यह कोलकाता मेट्रो हुगली नदी ( Kolkata Metro Hooghly River ) के नीचे बनाई गई सुरंग से होकर निकलेगी। इस सुरंग की लंबाई 10.8 किमी है। जिसमें 520 मीटर पानी के अंदर सुरंग का हिस्सा है.  चैनल टनल से गुजरने वाली ( Passing through channel tunnel ) लंदन और पेरिस के बीच यूरोस्टार ट्रेनों ( Eurostar trains between Paris ) की तरह नदी की सुरंगों की तर्ज पर बनाया गया है जहां यात्रियों को लंदन और पेरिस के सफर की तरह अद्भुत रोमांच मिलेगा। इस सुरंग का निर्माण 2017 में शुरू हुआ था नदी सुरंग में यह ट्रक बनाना दुनियाभर में दुर्लभ है.

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India’s first underwater train tunnel: 520 मीटर लंबी सुरंग बनकर तैयार। अब एस्प्लेनेड और सियालदह के बीच 2.5 दूरी का निर्माण पूरा हो गया है, इसे भी चालू कर दिया जाएगा।

कोलकाता में पानी के अंदर से गुजरेगी मेट्रो ट्रेन. दरअसल कोलकाता में मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के तहत हुगली नदी में अंडरवाटर टनलिंग का काम पूरा हो गया है. इस टनल के निर्माण में 120 करोड़ रुपए की लागत आई है। नदी पर बनी यह भारत की पहली सुरंग है, जिसके जरिए यात्रियों को बहुत अच्छा लगेगा। 520 मीटर लंबी इस सुरंग को पार करने में ट्रेन को 45 सेकेंड का समय लगेगा. Underwater Train

यह टनल ‘यूरोस्टार’ के लंदन-पेरिस कॉरिडोर की तर्ज पर बनाई जा रही है। दिलचस्प बात यह है कि सुरंग जमीन से 33 मीटर ऊपर और नदी के तल से 13 मीटर नीचे बनाई जा रही है। यह सुरंग पूर्वी हावड़ा मैदान को पश्चिम में आईटी सेंटर साल्ट लेक सेक्टर V से जोड़ती है. Underwater Train

यह कोलकाता के ईस्ट वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर का एक हिस्सा है। 520 मीटर लंबी इस सुरंग का काम पूरा हो चुका है. एस्प्लेनेड और सियालदह के बीच 2.5 किमी का निर्माण पूरा होते ही इसे लॉन्च कर दिया जाएगा। दिसंबर 2023 में इस कॉरिडोर पर ट्रेनें चलने की उम्मीद है।

क्या फायदा होगा?

समाचार एजेंसी पीटीआई ( News agency PTI ) के मुताबिक, कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के महाप्रबंधक (सिविल) शैलेश कुमार ने कहा कि कोलकाता मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के लिए सुरंग जरूरी थी. यह कई मायने में महत्वपूर्ण है। यहां घनी आबादी और तकनीकी दिक्कतों के कारण नदी के रास्ते ही बाहर निकलना संभव था.

उन्होंने कहा, ‘हावड़ा और सियालदह के रूट ( Routes to Howrah and Sealdah ) पर इस टनल के बनने से समय की बचत होगी. पहले इस दूरी को तय करने में 1.5 घंटे का समय लगता था, जिसे अब 40 मिनट में तय किया जा सकता है। साथ ही दोनों तरफ की भीड़ को कम करने के लिए यह सुरंग महत्वपूर्ण साबित होगी। भविष्य के खतरे को ध्यान में रखते हुए सुरंग में पानी के दबाव ( Water pressure in the tunnel ) और उसके प्रवाह को ध्यान में रखते हुए कई उपाय किए गए हैं।

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