सिंगरौली 1 नवम्बर। देवसर ब्लाक के ग्राम पंचायत कुचवाही आंगनबाड़ी केन्द्र क्र.2 के सुपरवाईजर विवेकी चौरसिया की कारगुजारी का मामला उजागर होने के बाद भी डीपीओ के द्वारा सुपरवाईजर पर कार्रवाई न करते हुए दरियादिली दिखाना डीपीओ पर सवाल खड़े करता है कि आखिर मामला सामने आने के बाद भी अब तक सुपरवाईजर पर कार्रवाई क्यों नहीं की गयी?
दरअसल पूरा मामला देवसर ब्लाक के ग्राम पंचायत कुचवाही आंगनबाड़ी केन्द्र क्र.2 सुपरवाईजर विवेकी चौरसिया के कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं से पैसे की मांग को लेकर जुड़ा हुआ है। जिसका पूर्व में खुलासा होने के बाद भी डीपीओ राजेश राम गुप्ता के द्वारा अब तक कार्रवाई न किये जाने से विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर डीपीओ के खिलाफ रोष व्याप्त होने लगा है।
यह कोई पहला मामला नहीं है। जब पैसे के लेन-देन का मामला उजागर हुआ है और डीपीओ संबंधित कर्मचारी के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं किये हैं। इसके पहले कई मामले सामने आये हैं। लेकिन लगातार डीपीओ राजेश राम गुप्ता के इस ढुलमुल रवैये के कारण अब विभाग के ही कर्मचारियों में रोष व्याप्त होने लगा है। कई कर्मचारियों ने कहा कि जब से विभाग की जिम्मेदारी डीपीओ राजेश राम गुप्ता को सौंपी गयी है तब से विभाग के सारे काम ठण्डे बस्ते में पड़े हैं। साथ ही आये दिन विभाग के झोल झमेले सामने आने के बाद भी डीपीओ के द्वारा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई न किया जाना कहीं न कहीं डीपीओ को सवालों के घेरे में खड़ा करता है।
लोगों ने यह भी आरोप लगाये हैं कि डीपीओ के द्वारा किसी भी आंगनबाड़ी केन्द्रों का न तो भ्रमण किया जाता है और न ही आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति देखा व परखा जाता है। डीपीओ के आने के बाद जो अधिकारी,कर्मचारी इनकी जी हजूरी करते आ रहे हैं उनकी चांदी है और उन्हीं के आये दिन मामले भी लगातार उजागर हो रहे हैं। लेकिन कार्रवाई नहीं की जाती।
महिला एवं बाल विकास के आये दिन कुछ न कुछ मामले सामने आते रहे हैं। चाहे वह कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की नियुक्ति को लेकर हो या वन स्टाप सेंटर में नियुक्ति की बात हो या फिर आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यकर्ताओं का मनमानी तरीके से आने जाने एवं बच्चों के पोषण आहार का मामला हो। किसी भी मामले को लेकर अब तक डीपीओ के द्वारा संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई नहीं की गयी है।