Singrauli News: सिंगरौली। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिसिया अत्याचार पुराने तर्ज पर आज भी कायम है। पुलिस (police) के द्वारा कभी गुप्तांगों में डंडा डालना सुग्गा लाल बैस की घटना, चाहे सरई(sarai) में रामानंद प्रजापति द्वारा पुलिस की प्रताडऩा से तंग (tang) आकर के अग्नि दाह कर लेना थाना परिसर के अंदर या फिर हरिजन आदिवासियों को मारपीट कर आरोप दूसरे के सर पर लगा देना। इस तरह की घटना (ghatana) सिंगरौली में आम हो चुकी है। इन सारी घटनाओं ने एक बार सिंगरौली(singrauli) की जनता के जख्म को फिर से कुरेद दिया है।
Singrauli News: राज बहादुर की हत्या होने पर पूर्व युकां जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह चौहान ने मृतक राजबहादुर के घर उनके माता-पिता से मिलने पहुंचा तो उनके दुख और दर्द असहनीय थे। एक तरफ जहां बिलखती हुई मां आंसुओं को पोछ रही थी दूसरी तरफ बहन बिलख कर रोते हुए बता रही थी कि जब भैया थाने से लौटकर आया दर्द से करा रहा था और पानी भी नहीं पी पा रहा था। बहन ने कहा कि मैं खाना लेकर के गई और जब खिलाने लगी तो खाना भी नहीं खा सका.
पिता ने बिलखते हुए बताया कि मेरे सामने सरई पुलिस ने मुझे मां बहन की गाली देते हुए यह प्रश्न किया कि किस तरह का बच्चा पैदा किए हो और बाल खींच कर के थाने के अंदर से लेकर के आए। एक आरोप में पुलिस स्वस्थ 20 साल के बच्चे को घर से उठाकर के ले जाती है और 4 घंटे बाद गंभीर हालत में बच्चे को उसके बाप को सुपुर्द किया जाता है और रात में उस लडक़े की थाने मे हुई मारपीट के कारण मृत्यु हो जाती है. Singrauli News
भाजपा के जनप्रतिनिधि बने हैं मौन
प्रवीण सिंह चौहान ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में इतनी निरंकुश हो चुकी है कि पैसे की भूख के कारण लोगों को मौत के घाट उतारने का काम कर रही है और सबसे कष्ट की बात यह है कि सिंगरौली जिले के जनप्रतिनिधि जो कहीं ना कहीं अधिकारी तंत्र के गुलाम हैं वह मौन धारण किए हुए बैठे हैं । लडक़े की मृत्यु के उपरांत पुलिस लगातार दाह संस्कार के लिए दबाव बनाती रही स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने दबाव बनाते हुए पोस्टमार्टम कराया उसके उपरांत दाह संस्कार के लिए मृतक के पिता द्वारा बताया गया कि 50000 तहसीलदार एवं 50000 टीआई सरई के द्वारा सहयोग किया गया. Singrauli News
भाजपा के विधायक प्रभारियों की करा रहे पोस्टिंग
वहीं प्रवीण ङ्क्षसह ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि जिस तरह से पुलिस इसे साधारण मृत्यु मानकर केस को रफा-दफा करने का प्रयास कर रही है सबसे बड़ा प्रश्न यह उठता है कि यदि मृत्यु साधारण थी तो फिर किस निधी के तहत यह पैसा दिया गया अपने आप में एक प्रश्न चिन्ह है। कहीं ना कहीं कुर्सी बचाने की कवायद है। भारतीय जनता पार्टी के विधायक जब थाना चलाएंगे तो कहीं न कहीं जनता को यह तकलीफ झेलनी पड़ेगी और आज की स्थिति में सिंगरौली जिले में भारतीय जनता पार्टी के विधायक ही थाना में ट्रांसफर पोस्टिंग करा रहे हैं और अपनी चला रहे है. Singrauli News