Friday, April 26, 2024
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Singrauli news- पावर प्लांटों में खपाया जा रहा मिलावटी कोयला, कंपनी और सरकार को करोड़ों का लगा रही चूना

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Singrauli news- सिंगरौली 2 दिसम्बर। जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित बरगवां कोल साइडिंग से नकली कोयला पावर प्लांटों(power planto) में खपाया जा रहा है। आये दिन लगने वाले रैक में तकरीबन 15 सौ टन का खेला हो रहा है। यह सब कुछ रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के नजरों के सामने कोयले का काला(kaala) खेल किया जा रहा है। किन्तु आरपीएफ (rpf) की नजरें उस दौरान ओझल हो जा रही हैं। कोयले(coal) के इस खेल से बिजली उत्पादन कंपनियों को महीने में करोड़ों रूपये की चपत पहुंचायी जा रही है और इस पूरे खेल में गोदावरी कोल कंपनी (godavari coal compny) का नाम सामने आ रहा है.

दरअसल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बरगवां रेलवे साइडिंग में इन दिनों नकली कोयले का खेला व्यापक पैमाने पर खेला जा रहा है। कथित आस-पास के स्टोन क्रेशरों से भस्सी एवं डस्ट का परिवहन कराकर रेलवे साइडिंग में डम्पिंग कराया जा रहा है। शाम ढलते ही कोयले में भस्सी मिलाकर मालगाड़ी के रैक में लोडिंग का कार्य शुरू हो जाता है। ब्लैक डायमण्ड का यह खेल कई महीनों से खेला जा रहा है, लेकिन रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स की नजरें अचानक ओझल हो जा रही हैं. Singrauli news

सूत्र तो यहां तक बता रहे हैं कि महीने में कम से कम 10 से 15 दिन रैक लगता है और एक रैक में 15 सौ टन भस्सी मिलाने का खेल किया जा रहा है। गुणवत्तायुक्त एक टन कोयले की कीमत तकरीबन 10 हजार रूपये है। अनुमानत: एक रैक में करोड़ों रूपये का हेर-फेर कर पावर प्लांट कंपनियों को चपत लगाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा जा रहा है। नकली कोयला यानी भस्सी व क्रेशरों से डस्ट मिलाने के लिए कारोबारी काफी आतुर रहते हैं और बिना किसी डर, भय के ब्लैक डायमण्ड के खेल में शामिल हैं। सूत्र बता रहे है ंकि बरगवां रेलवे साइडिंग में कोल लिफ्टिंग का काम गोदावरी कोल कंपनी को मिला हुआ है। कोल कंपनी के कर्ताधर्ता सांठ-गांठ बनाकर सरकार के खजाने में सेंधमारी करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं. Singrauli news

पावर प्लांट के कंपनियों में नकली मिलावटी कोयला भेजकर रोशनी को धुंध की तरह कार्य करने वाले रोशन को इसकी फिक्र कतई नहीं है बल्कि क्रेशरों से भस्सी एवं डस्ट मिलाने में खूब माहिर दिखाई दे रहा है। हालांकि यह पहली घटना नहीं है चर्चाओं के मुताबिक पहले छाई मिलाने का काम चल रहा था। जब यह बात सार्वजनिक हुई तो जिला प्रशासन ने एक्शन लेते हुए बड़ी कार्रवाई खनिज एवं राजस्व टीम के के द्वारा संयुक्त रूप से कार्रवाई की गयी थी। लेकिन कुछ दिनों बाद सिंडीकेट की तरह काम करने वाले कोल कारोबारियों ने अलग तरकीब निकाल लिया है. Singrauli news

इनका कहना है

अभी तक यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं था, यदि इस तरह की गड़बड़ी की जा रही है तो अधिकारियों की टीम स्थल पर भेजकर जांच करायी जायेगी.

अरूण कुमार परमार, कलेक्टर,सिंगरौली

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