Sanjay Gandhi had slapped his mother Indira and the then Prime Minister.
Sanjay Gandhi : संजय बहुत ही कड़क और शख्त राजनेता के रूप में जाने जाते थें। मीडिया रिपोर्ट की माने तो इंदिरा सिर्फ प्रधानमंत्री के रूप में एक फेस थीं, पर सरकारी कामकाज के साथ साथ पूरी पार्टी पर संजय गांधी की खासी पकड़ थी.
Sanjay Gandhi : “वाशिंगटन पोस्ट” (Washington Post) ने जब 70 के दशक में ये खबर छापी कि संजय गांधी ने एक कार्यक्रम में मां और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) को थप्पड़ मार दिया था.
संजय गांधी ने अपने करीबियों के साथ मिलकर आपातकाल में जबरन नसबंदी, दिल्ली के सौंदर्यीकरण के लिए झुग्गियों को उजाड़े जाने जैसे कई अहम फैसले लिए थें. लेकिन इंदिरा गांधी इन सब के खिलाफ थी वहीं उनकी शाख खराब हो रही थी ।कहा जाता है कि इंदिरा गांधी के शासन काल में इमरजेंसी लगाए जाने के पीछे संजय गांधी का अहम रोल था। यहां तक कि संजय गांधी सालों तक देश में इमरजेंसी लगाए जाने के पक्ष में थे।कहा जाता है कि तब कई राज्यों में कांग्रेस के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री उनके इशारों पर बदल दिए जाते थे. Sanjay Gandhi

संजय तब शक्तिशाली, समान रूप से विवादास्पद के रूप में उभरे. उनका जन्म 14 दिसंबर 1946 को दिल्ली में हुआ था. उन्हें देश का भावी प्रधानमंत्री माना जाता था. इंदिरा गांधी उन्हें अपना उत्तराधिकारी बना रही थीं. हालांकि 80 और 90 के दशक में भी मां के साथ उनके व्यवहार को लेकर तरह-तरह की अटकलें चलती रहीं.
आपातकाल के दौरान पूरे देश में अटकलें लगाई जा रही थीं. कि संजय ने एक डिनर पार्टी में सार्वजनिक रूप से अपनी मां को कई बार थप्पड़ मारे थे. एक विदेशी अखबार “वाशिंगटन पोस्ट” ने इस पर एक रिपोर्ट भी छापी थी. तब भारत में किसी मीडिया ने इसे जगह नहीं दी थी. Sanjay Gandhi
पुलित्जर पुरस्कार विजेता पत्रकार लुईस एम. सीमन्स उस समय वाशिंगटन पोस्ट के दिल्ली संवाददाता थे. आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी गई. उन्होंने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया कि संजय ने दिल्ली में एक निजी डिनर पार्टी में मां इंदिरा को कई बार थप्पड़ मारे. “स्क्रॉल” वेबसाइट ने बाद में सीमन्स के साथ ईमेल के माध्यम से बात की. सीमन्स ने तब बताया कि कैसे उन्होंने समाचार को आधार बनाया. उन्हें इसके बारे में कैसे पता चला? Sanjay Gandhi
वाशिंगटन पोस्ट के रिपोर्टर की प्रतिक्रिया

जब स्क्रॉल ने उनसे ईमेल के माध्यम से पूछा, तो आपने “वाशिंगटन पोस्ट” की कहानी के दौरान इंदिरा को थप्पड़ मारने के बारे में स्रोत का नाम नहीं बताया. यह घटना कब हुई? संजय ने ऐसा क्यों किया? उन्होंने जवाब दिया, “यह घटना आपातकाल घोषित होने से पहले एक निजी पार्टी में हुई थी. मैंने इसे तुरंत नहीं लिखा, लेकिन यह रखा कि मैं इसे बाद में करूंगा. संजय नाराज क्यों थे, मुझे अब यह बात याद नहीं है. बहुत समय हो गया है. इस बात को बीते हुए।” Sanjay Gandhi
घटना शाम को आपातकाल की घोषणा से पहले की है
इसके बाद उनसे पूछा गया, “क्या उन्हें यह जानकारी देने वाले स्रोत ने खुद उन्हें बताया या प्रबुद्ध बातचीत में जानकारी अनायास ही सामने आई?” सिमंस ने तब उत्तर दिया, “दो स्रोत थे, दो लोग जो एक-दूसरे को जानते थे. और इस पार्टी में थे. उनमें से एक ने घर के रास्ते में मेरी पत्नी को यह बताया. आपातकाल की स्थिति घोषित होने से पहले की शाम थी.” यह पहले था. एक अन्य सूत्र ने इसकी पुष्टि की.” Sanjay Gandhi
भारतीय पत्रकार ने इस कहानी पर उठाए सवाल
वरिष्ठ पत्रकार कुमी कपूर ने अपनी पुस्तक “द इमरजेंसी- ए पर्सनल हिस्ट्री” में इसका उल्लेख किया है. यह शब्द जंगल की आग की तरह एक से दूसरे में फैल गया, उन्होंने लिखा. हालाँकि, सेंसरशिप के कारण किसी अखबार ने इसे प्रकाशित नहीं किया, लेकिन क्या आपको इस बात का अंदाजा था. Sanjay Gandhi
कि आप जो प्रकाशित कर रहे थे. उसका क्या प्रभाव होगा? इसके जवाब में वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार ने कहा, “बेशक मुझे इस बात का अंदाजा है. कि भारतीय लोग गपशप से कितना प्यार करते हैं. हालांकि, विदेशी मीडिया ने इस कहानी को बड़े पैमाने पर कवर किया. “न्यू यॉर्कर मैगज़ीन” में वेद मेहता जैसे गंभीर लेखक ने टिप्पणी की. और कई सारे लेख भी लिखे हैं. Sanjay Gandhi