Singrauli News: सिंगरौली 10 नवम्बर। जिले में एक दर्जन से अधिक सिंचाई बांध निर्मित हैं। इन बांधों में सीजन 2022(Season 2022) के वर्षा ऋतु(Rainy Season) में कितना पानी भरा है रबी फसलों के लिए जलाशयों से पानी मिलेगा की नहीं इस गंभीर मामले में जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) का अमला पूरी तरह से बेखबर है। यहां तक की विभाग(Departmen) के पास अभी तक आंकड़ा भी नहंी है कि बांधों में कितना पानी भरा हुआ है।
Singrauli News: दरअसल इस वर्ष जिले में अल्प बारिश होने से खरीफ फसल(Cash crop) के साथ-साथ आगामी रबी फसलों पर भी व्यापक प्रभाव(vyapak prabhaaw) दिखाई देने लगा है। वहीं जिले में करीब डेढ़ दर्जन से अधिक सिंचाई(irrigation) बांध निर्मित हैं। इन बाधों के देख-रेख व नहरों का मरम्मत कार्य(repair work) जल उपभोक्ता संथाएं करती हैं। साथ ही इसकी मानीटरिंग(monitoring) का जिम्मा जल संसाधन विभाग के पास है। हैरानी की बात है कि मानसून रिटर्न हुए एक महीने होने जा रहा है। इसके बावजूद कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग संभाग क्र.2 बैढऩ, सिंगरौली के पास इस बात की जानकारी नहीं है कि जिले के जलाशयों में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कितना पानी भरा हुआ है।
नियमानुसार बारिश के सीजन में इन्हें नियमित आंकड़े एकत्रित करना चाहिए। किन्तु विभागीय अमले की उदासीनता एवं निष्क्रिय पड़ी जल उपभोक्ता संथाएं ने इस महत्वपूर्ण बिंदु को नजरअंदाज कर दे रहे हैं। ऐसे में सवाल उठाये जा रहे हैं कि क्या इस सीजन में सिंचाई बांधों यानी जलाशयों से रबी फसलों के सिंचाई के लिए पानी मिल पायेगा कि नहीं इस पर संशय के बादल मडऱाने लगे हैं। वहीं विभाग की उदासीनता भी स्पष्ट दिखने लगी है. Singrauli News
हालांकि सुकहर, पडऱी, काचन डैम, बगदरा सहित कई ऐसे जलाशय हैं जहां पानी कुछ हद तक भरा हुआ है। इन जलाशयों से अन्नदाताओं के खेतों तक पानी पहुंच पायेगा कि नहीं इसी को लेकर अन्नदाता जल संसाधन विभाग के अधिकारियों पर टकटकी लगाये हुए हैं। फिलहाल जिले में अल्प वर्षा का खामियाजा भी सिंचाई बांधों में दिख रहा है। साथ ही जल संसाधन विभाग की उदासीनता भी झलकने लगी है। ऐसे में विभाग की कार्यप्रणाली पर ऊंगली उठाना लाजिमी है. Singrauli News
दफ्तर की स्थिति बद् से बद्तर
जल संसाधन विभाग के जिला मुख्यालय स्थित दफ्तर की स्थिति इन दिनों बद् से बद्तर है। विभाग के अधिकारी अब तक दफ्तर बनाये जाने के लिए किसी तरह की पहल नहीं कर रहे हैं। आलम यह है कि दफ्तर अत्यंत जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। जिससे बारिश के दिनों में थोड़ी ही बारिश में कक्षों में पानी टपकने लगता है। जिससे विभाग के रखे हुए पुराने रिकार्ड खराब हो रहे हैं। लेकिन अधिकारियों को इन सबसे क्या लेना-देना। विभाग के ही कर्मचारी बताते हैं कि साहब ने तो अपने कक्ष की मरम्मत कराते हुए ठीक-ठाक करवा लिया है। लेकिन हम कर्मचारियों को ढंग से बैठने के लिए कमरे तक मौजूद नहीं हैं। यदि पंखा, बिजली तक खराब हुआ तो कर्मचारी अपने स्वयं के जेब से पैसे देकर उसका सुधार करवाता है। हम कर्मचारियों को किसी तरह की सुख-सुविधा नहीं है. Singrauli News
वर्ष 2022 में दर्जनभर अधिकारी,कर्मचारी हुए सेवानिवृत्त
जल संसाधन विभाग के दफ्तर से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग में अधिकारियों व कर्मचारियों का काफी टोटा है। एक शाखा के लिए जहां विभाग में दो से तीन लिपिक की आवश्यकता है वहां पर महज एक लिपिक के भरोसे सारा कामकाज चल रहा है। विभाग के ही कर्मचारियों ने बताया कि वर्ष 2022 में अक्टूबर महीने तक 10 अधिकारी,कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। जबकि दिसम्बर अंत तक दो और अधिकारी व कर्मचारी सेवानिवृत्त होंगे। लगातार विभाग के अधिकारी,कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे लेकिन सरकार विभाग में भर्तियां एवं प्रमोशन नहीं कर रही है। लिहाजा विभाग में नाम मात्र के अधिकारी व कर्मचारी शेष बचे हैं और उन्हीं पर सारी जिम्मेदारी का बोझ लदा हुआ है। जिससे जाहिर है कि एक व्यक्ति कितना काम कर पायेगा. Singrauli News