Sidhi – In Sidhi, the bidding of the members is being done in the election of the district panchayat president, the price of 1 member is 20 to 50 lakhs.
Sidhi सीधी – मध्य प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी है. 26 जून को नामांकन होंगे तो 3 जुलाई को मतगणना होगी. अधिसूचना जारी होने के साथ ही सभी जिलों में धनबल और बाहुबल के दम पर जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव जीतने की भरपूर कोशिश शुरू हो गई है. जिलों में जिला पंचायत सदस्य की बकायदा बोली भी लग रही है.
Sidhi -जिला पंचायत के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के निर्वाचन को लेकर हलचलें भरपूर तेज हो चुकी हैं। दावेदारी करने वाले लोग पर्दे के पीछे से ही अपनी बिसात बिछाते हुए ज्यादा से ज्यादा सदस्यों को साधने में सक्रिय हैं। जिला पंचायत सीधी के अध्यक्ष का पद अनारक्षित महिला है, ऐसे में वार्ड भरतपुर, अमिलिया, कुबरी व हनुमानगढ़ से निर्वाचित सामान्य वर्ग की महिला सदस्य अध्यक्ष की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं।
पर्दे के पीछे से चल रही बड़ी दावेदारी व गुणा गणित
जानकारों के अनुसार कुछ दावेदार तो सदस्यों की खरीद-फरोख्त के लिए भी अपनी लाइजनिंग कर्म कर चुके हैं। अपुष्ट सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक एक दावेदार की ओर से तो बोली लगाते हुए पूरे 50 लाख रूपए वोट देने वाले सदस्य पर खर्च करने की पहल की गई है। जिसमें 30 लाख रूपए नगद एवं एक टॉप मॉडल स्कार्पियों शामिल है। जिनका नाम दावेदारी में माना जा रहा है वो सभी विपक्षी दलों के समर्थित माने जा रहे हैं। Sidhi
कांग्रेस के लिए है बड़ी चुनौती
अभी तक जो तस्वीर उभर कर सामने आई है उसमें सामान्य महिला सीट से जो प्रत्याशी विजई होकर आए हैं वो सभी कांग्रेसी या उनके समर्थित या उनके परिवार के रहे हैं ऐसे में ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेश के बड़े नेताओं के समक्ष भी इन सभी विजय प्रत्याशियों को अध्यक्ष के लिए एक नाम पर सहमत करना बड़ी चुनौती होगी। क्योंकि अभी से ही ऐसा देखा जा रहा है कि कुछ सदस्यों की अध्यक्ष बनने की ख्वाहिश इतनी ज्यादा परवान चढ़ रही है कि वो बगावत पर भी उतारू होकर निर्दलीय अध्यक्ष के दावेदार भी बन सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस को जिला पंचायत में अपने अध्यक्ष बनने के जीत का समीकरण बनाए रखना उसके लिए चुनौती होगी। Sidhi
भाजपा की सियासत पर होगी नजर
वहीं भाजपा में अध्यक्ष पद के लिए कोई मजबूत चेहरा अभी सामने नहीं आया है। भाजपा समर्थित जो महिलाएं निर्वाचित हुई हैं उनमें ज्यादातर आदिवासी व पिछड़ा वर्ग से शामिल हैं। ऐसे में भाजपा आदिवासी चेहरे को मैदान में उतार सकती है वहीं भाजपा द्वारा कांग्रेस समर्थित सदस्यों को भी साधने का प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस की ओर से समर्थन न मिलने पर प्रबल दावेदारी के सदस्य भाजपा की तरफ से भी चुनाव मैदान में उतर सकते हैं।
पिछले दो कार्यकाल में निर्दलीय प्रत्याशी बने थे जिला पंचायत अध्यक्ष
जिला पंचायत अध्यक्षों की बात की जाय तो विगत कुछ पंचवर्षीय से भाजपा-कांग्रेस के अलावा निर्दलीय प्रत्याशियों का भी जलवा देखना को मिला है। यद्यपि जीतने के बाद वो भी राजनैतिक दलों का दामन थाम लेते हैं। वर्तमान सांसद रीती पाठक भाजपा व कांग्रेस से नामांकित प्रत्याशी को चुनाव हराकर निर्दलीय प्रत्याशी बतौर जिला पंचायत अध्यक्ष वर्ष 2010 में निर्वाचित हुई थी। बाद में भाजपा में शामिल हो गई। इसी तरह अभ्युदय सिंह भी निर्दलीय प्रत्याशी बतौर अध्यक्ष के दावेदार बने जिनको मजबूरी में भाजपा को समर्थन देना पड़ा। Sidhi
अध्यक्ष बनने के बाद वे भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर लिए। ऐसे में दलों की चिंता भी जायज है कि पार्टी से बगावत कर सदस्य निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरकर समीकरण न बिगाड़ दें।वर्तमान में जिला पंचायत की जो स्थिति बनी हुई है उसके अनुसार कांग्रेस में 9 भाजपा के पाले में 8 जिला पंचायत सदस्य नजर आ रहे हैं।
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