Singrauli: सिंगरौली 8 नवम्बर। एक सितम्बर से प्रदेश सहित जिले में शराब की शासकीय दुकानों(government shops) में शराब बेचे जाने के दौरान ग्राहकों को बिल दिये जाने के निर्देश आबकारी एक्साइज आयुक्त(excise excise commissioner) ग्वालियर के द्वारा जारी किये गये। लेकिन जिले की किसी भी शासकीय शराब की दुकान(government liquor store) में शराब लिये जाने के दौरान ग्राहकों(customers) को बिल नहीं दिया जा रहा है। साथ ही आबकारी महकमे(excise department) के द्वारा दुकानदारों को इसके लिए आज तक निर्देशित भी नहीं किया गया है। लिहाजा दुकानदार(shopkeeper) अपनी मनमर्जी करने में लगे हैं।
दरअसल जिले में संचालित शासकीय शराब दुकानों(liquor stores) में आज तक न तो रेट लिस्ट चस्पा की गयी और न ही एक्साइज आयुक्त(excise commissioner) के द्वारा जारी किये गये निर्देशों का पालन कराया जा रहा है। सूत्रों की बात मानें तो जिले की किसी भी शासकीय शराब की दुकानों(government liquor shops) में शराब खरीदे जाने के दौरान ग्राहकों को बिल नहीं दिया जा रहा है। लिहाजा शराब दुकान संचालक(liquor store operator) अपनी मनमानी करते हुए मन मुताबिक दरों पर शराब ग्राहकों को बेच रहे हैं। बता दें कि आबकारी के अफसरों(excise officers) ने हर दुकान पर बिल मिलने का दावा जरूर करते हैं, जो कि हकीकत में नहीं दिख रहा है। शराब को मनमानी कीमत पर बिकने से रोकने के लिए यह सिस्टम(system) लागू हुआ, लेकिन बिल न देने वाले दुकानदार(shopkeeper) अभी भी मनमानी कर रहे हैं. Singrauli
बता दें कि जिले के शराब दुकान में मनमानी तरीके से एमआरपी से ज्यादा रेट पर शराब बेचते हैं। ऑफिसर चॉइस का क्वार्टर 140 का 170 मेंए बैगपाइपर का क्वार्टर 140 का 170 में गोवा का 100 का क्वार्टर 130 में, माइलस्टोन का 140 का क्वार्टर 170 में लीजेंड का 130 का क्वार्टर 170 में गुंडागर्दी के साथ बेच रहे हैं। यदि पहुंचे ग्राहक कोई आपत्ति दर्ज करते हैं तो कर्मचारी साफ तौर पर कहते हैं कि लेना है तो लो नहीं आगे बढ़ो। आबकारी आयुक्त ने शराब की दुकानों पर मनमानी रोकने के लिए टेस्ट परचेज करने के निर्देश दिए थे. Singrauli
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शराब दुकानों से मिलने वाले बिलों में हस्ताक्षर भी नहीं किया जा रहा है, इससे बिल को अधिकृत नहीं माना जाता है। शराब दुकानों पर ऐसा जानबूझकर किया जा रहा है। जिससे कारोबारी अधिक दामों पर शराब बेच सके, लेकिन आबकारी विभाग ने अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया। वहीं बिल फाड़कर रख लेने और ग्राहक को न देने का खेल भी आबकारी विभाग नहीं पकड़ रहा है। सूत्रों की मानें तो आबकारी विभाग इस पूरे खेल में लिप्त है। जिसके चलते कथित देशी-विदेशी शराब कारोबारी उपभोक्ताओं को चूना लगाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं. Singrauli