Singrauli News : The children of Singrauli are still fighting against malnutrition, but did not get salvation; More than 103 children were admitted in the last three months
Singrauli News : जनवरी से अप्रैल तक महज 53 कुपोषित बच्चे ही कराये गये थे भर्ती, दस्तक अभियान के तहत कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ी,एनआरसी के शौचालय का फर्श क्षतिग्रस्त,जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर के बगल में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र में वर्ष 2022 में जनवरी से लेकर अपै्रल तक महज 53 कुपोषित बच्चे ही भर्ती कराये गये थे.Singrauli News
Singrauli News : कुपोषण को खत्म करने के लिए सरकार करोड़ों रूपये खर्च कर काम कर रही है, लेकिन इसके बावजूद कुपोषण देश के लिए कलंक बना हुआ है. प्रदेश के सिंगरौली जिले में आज भी हजारों बच्चे कुपोषण से जूझ रहे हैं. कुपोषण की इस हकीकत को भले ही जिम्मेगार लाख छुपाने की कोशिश करे, लेकिन हकीकत सबकी आंखों के सामने नासूर जैसी बन चुकी है.Singrauli News
जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर के बगल में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र में पिछले तीन महीनों में अब तक 103 से ज्यादा बच्चे भर्ती हो चुके हैं। जबकि इसके पहले जनवरी से अपै्रल तक महज 53 कुपोषित बच्चे ही एनआरसी केन्द्र पहुंचे थे। जिसको लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग पर सवालिया निशान खड़ा होने लगा है।दरअसल जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर के बगल में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र में वर्ष 2022 में जनवरी से लेकर अपै्रल तक महज 53 कुपोषित बच्चे ही भर्ती कराये गये थे.Singrauli News
बता दें कि मई, जून व 22 जुलाई की स्थिति में 103 कुपोषित बच्चों को एनआरसी केन्द्र में भर्ती कराया गया है। जिससे कहीं न कहीं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों पर सवाल खड़ा होने लगा है की क्या वजह रही है की जनवरी से अपै्रल तक महज 53 बच्चे ही एनआरसी केन्द्र पहुंच पाये थे। जबकि कुपोषण के मामले में जिला काफी आगे है। हालांकि मई, जून व जुलाई में कुपोषित बच्चों के एनआरसी केन्द्र पहुंचने के पीछे कलेक्टर राजीव रंजन मीना के द्वारा दिये गये सख्त निर्देश एवं दस्तक अभियान को माना जा रहा है.Singrauli News :
दस्तक अभियान के तहत लगातार स्वास्थ्य व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं के द्वारा इन दिनों गांव-गांव घूमकर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र लाकर भर्ती कराया जा रहा है। इसके पहले महिला एवं बाल विकास के अधिकारी कुपोषित बच्चों को पुनर्वास केन्द्रों में लाकर भर्ती कराने में अपनी रूचि नहीं दिखा रहे थे। लिहाजा महिला एवं बाल विकास के अधिकारियों पर सवाल उठना लाजिमी है.Singrauli News
शौंचालय का फर्श क्षतिग्रस्त
हाल ही में निर्माणाधीन नवीन पोषण पुनर्वास केन्द्र भवन के अंदर महिलाओं व बच्चों के लिए बनाया गया शौचालय का फर्श कुछ ही महीनों में क्षतिग्रस्त हो गया। जिससे अब स्वास्थ्य प्रबंधन सहित भवन निर्माण करने वाले संविदाकार पर सवालिया निशान खड़ा होने लगा है की आखिर कुछ ही महीनों में कैसे शौचालय का फर्श क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि फर्श के क्षतिग्रस्त होने को लेकर एनआरसी के कर्मचारियों ने चिकित्सालय प्रबंधन को जानकारी दे दी है। जिसको जल्द ही ठीक कराये जाने की बात कही जा रही है.Singrauli News