Urban body elections – BJP’s countdown begins after urban body election results
Infighting in the party, corruption in Nani’s office, dissatisfaction due to ticket distribution became the reason for BJP’s defeat, the leaders did not work.
Urban body elections सिंगरौली 17 जुलाई। नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा को मिली करारी शिकस्त के बाद अब इसकी चर्चा दिल्ली तक होने लगी है।
आम आदमी पार्टी मेयर प्रत्याशी रानी अग्रवाल को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस पार्टी की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है। यह चुनाव परिणाम एक संकेत है।
कांगे्रस, भाजपा व बसपा के विकल्प के रूप में मतदाता आम आदमी पार्टी को देखने लगे हैं और आज का चुनाव नतीजा यही बया भी कर रहा है।
दरअसल नगर पालिक निगम सिंगरौली के Urban body elections में मेयर के साथ-साथ 5 पार्षद प्रत्याशी भी आम आदमी पार्टी के निर्वाचित हुए हैं। वहीं आम आदमी पार्टी के 7 प्रत्याशी नजदीकी मतों से पराजित हुए हैं। सिंगरौली में आम आदमी पार्टी की इन्ट्री होने के बाद अब इसकी चर्चा देश की राजधानी दिल्ली तक होने लगी है। मेयर प्रत्याशी रानी अग्रवाल को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट के माध्यम से जहां बधाई दिया है। वहीं रानी अग्रवाल को फोन लगाकर भी बधाई दिया है। अब इस नतीजे के बाद भाजपा नेताओं की भी खूब किरकिरी होने लगी है। चर्चा है की मेयर प्रत्याशी के चयन के बाद से ही भाजपा में भितरघात का अंदेशा हो गया था। डेमेज कन्ट्रोल करने के लिए भाजपा के पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला, भाजपा प्रदेश मंत्री राजेश पाण्डेय सहित पूर्व संभागीय संगठन मंत्री चन्द्रशेखर झा, सांसद रीती पाठक सहित अन्य ब्राम्हण नेताओं ने मोर्चा संभाला था। प्रदेश नेतृत्व उन्हें इस बात की जिम्मेदारी सौंपा था कि जो कार्यकर्ता नाराज हैं उनकी मनुहारी करें। किन्तु भाजपा के मैदानी कार्यकर्ता अपने नेताओं को खरी खोटी सुनाने में कोई कोर कसर न हीं छोड़ रहे थे। इनकी मनुहारी काम भी नहीं आयी। वहीं नाराज क्षत्रिय समाज को मनाने की जबावदेही जिले के प्रभारी मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष कांतदेव सिंह को दी गयी थी। किन्तु नाराज अगड़ी जाति भाजपा के पक्ष में कितना मतदान किया चुनाव परिणाम सामने है। फिलहाल भाजपा को सिंगरौली से मेयर से हाथ धोना पड़ा है। कहीं न कहीं गुटबाजी एवं भितरघात,ननि में व्याप्त भ्रष्ट्राचार, कमीशनखोरी, बेरोजगारी, विस्थापन जैसे मुद्दे को भुनाने में आम आदमी पार्टी कामयाब रही है।
भाजपा में भी गुटबाजी शुरू,कार्यकर्ताओं ने सिखाया सबक
सिंगरौली में भाजपा कई गुटों में बट गयी है। हालांकि अभी शीर्ष नेतृत्व के डर के आगे खुलकर बाते सामने नहीं आ रही हैं, लेकिन दबी जुबान से ही कार्यकर्ताओं के बीच में ही चर्चाएं शुरू हैं की भाजपा सिंगरौली तीन गुटों में बटी है और इसका फायदा आम आदमी पार्टी को मिला भी है। भाजपा के एक कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि भितरघात करने पर ईनाम मिलने लगा है। प्रदेश शीर्ष नेतृत्व ऐसे कार्यकर्ताओं को शीर्ष पदों पर जगह देते हैं, लोकसभा चुनाव सबसे बड़ा उदाहरण हैं। जब बड़े-बड़े नेता भितरघात करते हैं और उन्हें ईनाम के रूप में पार्टी में बड़े ओहदे से नवाजा जाता है तो हम तो छोटे कार्यकर्ता हैं। जब हमारी बात संगठन नहीं सुनता है तो सबक सिखाना जरूरी होता है। पार्टी जिस दिन से कार्यकर्ताओं को अहमियत देगी उस दिन से सब ठीक ठाक हो जायेगा। मंच पर बोलने व प्रेस विज्ञप्ति जारी कर देना की भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है इससे काम चलने वाला नही हैं। कार्यकर्ता सम्मान का भूखा होता है,अनादर करने से यही परिणाम होता है। Urban body elections
भाजपा,कांग्रेस नेताओं के गृह वार्डों से पार्षद प्रत्याशी हारे
जानकारी के मुताबिक वार्ड क्र.8 से कांग्रेस प्रत्याशी नीलम गुप्ता को जीत मिली है। यह वार्ड भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष कांतदेव सिंह का गृहवार्ड है। वहीं वार्ड नं.9 कांग्रेस से शेखर सिंह निर्वाचित हुए हैं। जबकि यहां भाजपा जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र गोयल एवं विधायक रामलल्लू बैस निवासी हैं। वार्ड नं.24 से आप प्रत्याशी को जीत मिली है। यह वार्ड कांग्रेस मेयर प्रत्याशी अरविन्द सिंह का गृहग्राम है। वार्ड 38 से कांग्रेस को जीत मिली है यह भाजपा मेयर प्रत्याशी चन्द्रप्रताप विश्वकर्मा का गृहवार्ड है। वहीं वार्ड 37 से बसपा जिलाध्यक्ष राधिका वर्मा की पत्नी निशा चुनाव हार गयी हैं। Urban body elections