Ujjain Holy Pilgrimage: उज्जैन। बाबा महाकाल(baba mahakaal) की नगरी की अद्भुत लीला है इनके नियम से अगर वे नियम चले तो अनहोनी हो जाएगी ऐसी मान्यता बताई जाती है. कहा तो यह भी जाता है कि एक प्रधानमंत्री निधि(pm nidhi) ऐसी भूल की थी. महाकाल (mahakaal) की नगरी उज्जैन में उन्होंने एक रात क्या बिता लिया कि अगले दिन उनकी सरकार ही चली गई थी. इसके चलते महाकाल (mahakaal) की नगरी उज्जैन में राजा और राजनेता रुकने से परहेज करते हैं.
बताया जाता है कि देश और प्रदेश के मुखिया हो या राजपरिवार के सदस्य उज्जैन में रात नहीं गुजरती वजह यह है कि उज्जैन (ujjain) के राजा सिर्फ महाकाल है मान्यता है कि वहां एक साथ दो राजा नहीं रुक सकते हैं. यही कारण है कि उज्जैन में अगर कोई राजा हो या फिर कोई राजनेता आता है तो वह शहरी क्षेत्र से बाहर रात गुजरते हैं क्योंकि मान्यता है कि अगर रात गुजारे तो कोई अनहोनी ना हो जाए इसी डर भय के चलते अधिकांश राजा और राजनेता महाकाल की नगरी उज्जैन में रात नहीं बिताना चाहते हैं. Ujjain Holy Pilgrimage
बताया तो यह भी जाता है कि सिंधिया और शिवराज भी उज्जैन में नहीं रुकते सिंधिया रियासत में उज्जैन भी शामिल था लेकिन सिंधिया राजपरिवार के लोग उज्जैन में रात नहीं रुकते सिंधिया परिवार ने रुकने के लिए शहर के बाहर एक महल बनवाया था मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उज्जैन में नहीं रुकते हैं पिछले 80 हफ्ते के दौरान उन्होंने शहर की सीमा के बाहर एक बड़ा आयोजन करवाया था . Ujjain Holy Pilgrimage
जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे तब सीएम शिवराज ने वहां रहने के लिए एक झोपड़ी बनवाई थी बताया जाता है कि राजा भोज के समय से ही उज्जैन में कोई राजा या मंत्री रात में नहीं रुकता बाबा महाकाल उज्जैन के राजा हैं उनके रहते कोई दूसरा राजा या मंत्री उज्जैन में रात नहीं बिता सकता है इस धारणा को लेकर स्थानीय लोग कुछ उदाहरण भी बताते हैं कहा जाता है कि देश के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई जब उज्जैन में एक रात रूके थे तो अगले ही दिन उनकी सरकार चली गई थी उज्जैन में प्रधानमंत्री के तौर पर इंदिरा गांधी भी आ चुकी है लेकिन वह भी कभी नहीं रुकी. Ujjain Holy Pilgrimage