The nose of Ravana: रतलाम। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में एक अनोखा पर्व मनाया जाता है इस पर्व पर हिंदू और मुस्लिम एक साथ मिलकर मनाते हैं कहा जाता है कि रामनवमी व दशहरे के उपलक्ष में रतलाम में तीन दिवसीय आदर्श मेला लगता है जहां चिकलाना में हर क्षेत्र दसवीं पर रावण की नाक काटते हुए हिंदू मुस्लिम यह पर्व मनाते हैं।
The nose of Ravana: कहा जाता है कि रावण का बस दशहरे के दिन होता है लेकिन मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के चिकलाना गांव में चैत्र नवरात्र के दशमी पर रावण का वध तो नहीं किया जाता लेकिन यहां रावण की नाक काट कर उसका वध किए जाने की पुरानी प्रथा बताई जाती है यह सालों से प्रथा चली आ रही है कहा जाता है कि इस परंपरा को गांव के हिंदू मुस्लिम सभी मिलकर निभाते हैं हर साल यहां रावण का पुतला बनाया जाता है फिर विधि व दशमी के दिन उसकी नाक काटी जाती है।
कहा जाता है कि इस बार भी रावण के पुतले को बनाने की तैयारी बहुत तेजी से चल रही है उसके साज-सज्जा को बनाया जा रहा है जहां हिंदू मुस्लिम एकजुटता दिखाते हुए रावण के पुतले की तैयारी में लगे हुए हैं साथ ही इस चैत्र दशमी के दिन यहां विशाल तीन दिवसीय मेला भी लगाया जाता है रामनवमी व दशहरे के उपलक्ष में गांव में आदर्श मेला लगाया जाता है जहां विभिन्न तरीके से कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं बताया जाता है कि दशहरा मनाते हुए रावण की भाले से नाक काट कर बंद करने की परंपरा चली आ रही है यहां लगभग 24 से अधिक गांव के लोग जुट कर इस पर्व को बड़े धूमधाम के साथ मनाते हैं। The nose of Ravana
सरपंच प्रतिनिधि गट्टू सिंह चंद्रावत ने बताया है कि इस बार भी चैत्र नवरात्रि की दशमी पर दशहरा जैसा माहौल बनेगा यहां फर्क सिर्फ इतना होगा कि दशहरे पर रावण नहीं जलाया जाएगा और यहां पाली से उसका बस होगा पहले राम और रावण की सेनाओं के बीच भीषण युद्ध होगा इसके बाद एक दूसरे पर कटाक्ष किया जाएगा एक तरफ रावण की जय होगी तो दूसरी तरफ राम जी के जयकारे लगेंगे इसी दौरान राम जी की सेना रावण की सेना पर हमला करेगी और इसी बीच चंद्रावत भाले से रावण की नाक काट कर उसका वध किया जाएगा कहा जाता है कि यह परंपरा लगभग 100 साल से ज्यादा पुरानी हो चुकी है रावण ने सीता माता का हरण किया था नारी के अपमान के कारण रावण की नाक काट कर उसे अपमानित किया जाता है।The nose of Ravana