Wednesday, April 24, 2024
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singrauli news:सिंगरौली जिले के शासकीय भूमियों के बंदरबांट की उच्च स्तरीय जांच की मांग 

इतना ही नहीं तहसील एवं जिले के रखे रिकार्डो में हेराफेरी एवं कूट रचना किए गए है आखिर तहसीलदार एवं रिकॉर्ड प्रभारी एवं दोनों  जिला के रिकॉर्ड प्रभारियों के ऊपर क्यों कार्यवाही नहीं की गई। 

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singrauli news: सिंगरौली। ग्राम कठदहा की  फर्जी प्रविष्टि के संबंध में  वर्ष 2015 मे तमाम विरोध के बाद ग्राम कर्री मे वर्ष 2022 मे ही  ईओडब्ल्यू मे नियमित अपराध  दर्ज हो चुका है फिर भी आज तक अन्य गांवों के फर्जी प्रविष्टि की अभी तक अपराधिक प्रकरण क्यों नहीं दर्ज की गई  जबकि ईओडब्ल्यू के पास तहसीलदार द्वारा जारी सूची के साथ तमाम ग्रामों  के राजस्व दस्तावेज के साथ  उपखंड देवसर कार्यालय के जप्त किए गए  दस्तावेज रखे हैं 

singrauli news: देवसर निवासी अनुरोध शुक्ला ने विभिन्न अधिकारियों को दिए गए शिकायती पत्र के माध्यम से आरोप लगाया है कि तहसीलदार द्वारा जारी अपनी  सूची में निरस्त किए गए पट्टे  की वास्तविक आंकड़ा छुपाया गया। आखिर  सिंगरौली जिले के कई गांवों में फर्जी प्रविष्टियां सीधी जिला से अलग होते समय 2008 मे सीधी जिले में की गई है पर मात्र 1,2 गांव की ही तत्कालीन कलेक्टर पी नरहरि द्वारा क्यों जांच कराई और मात्र दो पटवारी को क्यों सेवा से पृथक किया गया जबकि वर्ष 2010-11 में ही कई गांवों के फर्जी  पट्टे निरस्त किए गए थे और इतना ही नहीं तहसील एवं जिले के रखे रिकार्डो में हेराफेरी एवं कूट रचना किए गए है आखिर तहसीलदार एवं रिकॉर्ड प्रभारी एवं दोनों  जिला के रिकॉर्ड प्रभारियों के ऊपर क्यों कार्यवाही नहीं की गई। 

सेवा से पृथक पटवारी की बहाली अभी तक लंबित

आरोप लगाया जा रहा है कि सेवा से पृथक पटवारी हरिशंकर शुक्ला की सेवा बहाली की अपील /25/ अपील /2011-12फाइल का निराकरण आज 12 -13 वर्षों मे क्यों नहीं किया जा रहा हैक्या कारण है कि सेवा बहाली की अपील 25/ अपील/11-12  कलेक्टर न्यायालय की फाइल को दिनांक 30/07/12को प्रभारी अधिकारी स्थापना शाखा को मूल फाइल ही क्यों भेजा गया जबकि मूल फाइल न्यायालय की है और भेजना ही था तो पटवारी का स्थापना शाखा जिला अधीक्षक भू-अभिलेख शाखा है आखिर मूल स्थापना शाखा क्यों भेजा गया। क्या कारण है कि  मूल स्थापना शाखा प्रभारी के द्वारा  3 माह बाद  फाइल को दिनांक 09/10/12,22/10/12,17/04/ 13 तक चलाने के बाद  कलेक्टर न्यायालय में भेजने का लिखकर अपने ही शाखा में 10 वर्षों तक दबाकर रखा गया इसकी जांच कराई जाए साथ ही इतने विरोध के बाद वर्तमान कलेक्टर के द्वारा दिनांक 24/11/22 को नोटिस भेजकर सेवा से पृथक पटवारी से जवाब मंगवाया  गया , पटवारी के द्वारा ज़ब दिनांक28/11/22 को जवाब प्रस्तुत कर देने के बाद भी 12 बरसों पुरानी फाइल का निराकरण क्यों नहीं किया जा रहा है यह भी एक विचारणीय प्रश्न है।singrauli news

रिलीव क्यों नहीं किया गया

इसके अलावा ईओडब्ल्यू में आरोपी अभिलेखागार प्रभारी के ऊपर नियमित अपराध क्रमांक 28/15 एवं 109/22 दर्ज होने के बाद एवं कई शिकायतों के बाद ईओडब्ल्यू के पत्र के आधार पर 4 बार ट्रांसफर पत्र जारी करने के बाद रिलीव क्यों नहीं किया गया और जब एक पक्षीय रिलीव  करने की नोटशीट अपर कलेक्टर के पास दिनांक17/11/22 को पहुंची तो अपर कलेक्टर द्वारा एक पक्षी रिलीफ नही किया गया।आरोप यह भी है कि जब कोई फर्जी प्रविष्टियों के संबंध में  जांच ही नहीं चल रही थी तो फिर तत्कालीन तहसीलदार के द्वारा अपने पत्र दिनांक 05/01/11 मे यह सेवा से निलंबित  पटवारी का आरोप पत्र का जवाब 27/07 /2010 को  प्रस्तुत कैसे किया गया इसकी भी जांच किया जाना जरूरी है।singrauli news

जांच की हो रही मांग

 मांग की गई है कि ग्राम कटदहा समेत तहसीलदार देवसर द्वारा जारी सूची के रिकॉर्ड की जांच तहसील के रखे रिकॉर्ड एवं जिले में रखे रिकॉर्ड जिला सीधी रिकॉर्ड रूम एवं जिला सिंगरौली रिकॉर्ड रूम की  जाए और उपखंड कार्यालय के दायरा पंजी मुताबिक डायवर्सन आदेशों के राशि जमा चालान की जांच कराई जावे।

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