Singrauli news – सिंगरौली। जिला सिंगरौली रेल लाइन (Singrauli Rail Line)भूमि अर्जन हेतु कलेक्टर सिंगरौली के आम जनता (General public )को दिखाने के लिए जुलाई 2020 में अवार्ड पारित (award assed)करते समय समस्त रेलवे प्रभावित (railway affected) ग्राम में कुछ खातों को जांच के अधीन करते हुए अवार्ड पारित किया गया था।
Singrauli news – उसके बाद उन जांच के अधीन खातों की जांच के लिए 23/11 2020 को समस्त प्रभावित ग्रामों(affected villages) के जांच के अधीन खातों की जांच हेतु आठ टीम अलग-अलग ग्राम बाई बनाकर 4 टीम के ऋषि पवार उपखंड अधिकारी सिंगरौली एवं 4 टीम के संपदा सर्राफ डिप्टी कलेक्टर (deputy collector )की अगुवाई में जांच कराई गई।जिसमें ग्राम कुर्सा की जांच टीम द्वारा लेख किया गया कि एवार्ड में प्रभावित जांच के अधीन खाता क्रमांकों के मकान जो अवार्ड में जोड़े गए हैं वह मकान की श्रेणी में नहीं है।
Singrauli news – बता दें कि रेलवे विभाग एवं अन्य विभागों की संयुक्त टीम द्वारा की गई जांच में ग्राम कुर्सा के स्थल पंचनामा के आधार पर उप अभियंता निर्माण(engineer construction) पश्चिम मध्य रेलवे रीवा के द्वारा 3/2/2021 पत्र लिखा कि एवार्ड में पारित जो मकान जांच के अधीन है उन मकानों का भुगतान न किया जाए। यह मकान की श्रेणी में नहीं है।
Singrauli news – उसके बाद भी भुगतान जिला प्रशासन(payment district administration) के लोग सिंगरौली में कर दिया गया। जैसे ग्राम गिधेर तहसील देवसर के रेल प्रभावित खाता क्रमांक -10,आराजी नंबर 123 की जांच पुलिस एवं वर्तमान हल्का पटवारी द्वारा किए जाने और स्थल पंचनामा 09/09/22 को तैयार किए जाने पर लेख किया गया है कि उक्त भूमि पर किसी का भी मकान ही मौजूद नहीं है।
Singrauli news – उसके बाद भी माननीय उच्च न्यायालय में जवाब देने के पहले 10/10/2022 को ग्राम गिधेर के खाता क्रमांक 10 का भुगतान कर दिया गया जबकि उपखंड अधिकारी देवसर आकाश सिंह द्वारा कलेक्टर कार्यालय में भेजा गया प्रतिवेदन दिनांक 06/09/22 मैं यह लेख किया है कि उक्त खाते में 8 मकान स्वामी कई विभिन्न लोग हैं। जिसमें एक मकान स्वामी का भुगतान जनवरी 2022 में भेजा गया था।?
Singrauli news – किंतु उसी खाता क्रमांक 10 के संबंध में वर्तमान उपखंड अधिकारी द्वारा दिए जवाब उच्च न्यायालय जबलपुर मे 11/10/22 मे लेख किया गया कि मकान स्वामियों की आपत्ति धारा 21,22 आपत्ति निराकरण में ही खारिज कर दी गई थी। उसके बाद भी जांच के अधीन खाते का तत्कालीन उपखंड अधिकारी आकाश सिंह द्वारा प्रभाजन कर दिया गया और वर्तमान उपखंड अधिकारी द्वारा भुगतान कर दिया गया जबकि उक्त भूमि पर किसी का भी मकान ही नहीं मौजूद है।