singrauli news: सिंगरौली। पुलिस अधीक्षक कार्यालय (Office of the Superintendent of Police ) के सीएम हेल्पलाइन शाखा में पदस्थ प्रधान आरक्षक रामकृष्ण बागरी ( Ramakrishna Bagri ) के निलंबन के मामले में कुछ अनसुलझे पहलू हैं। गाली गलौज व छेडख़ानी के इस मामले में कितनी सच्चाई है या फिर इसे जान बुझकर तूल पकड़ाया ( Hold the scales ) गया है। लेकिन जो तथ्य कुछ सामने सुनने को मिल रहे हैं उसमें यही कहा जा रहा है कि इस पूरे मामले का मास्टर माइंड कोई और है। जो भी हो लेकिन पुलिस कप्तान ( But the police captain ) के द्वारा जांच कराई जा रही है।
इधर सूत्रों की बात माने तो बीते 1 जनवरी को पुलिस अधीक्षक कार्यालय का एक मामला इस कदर तूल पकड़ा की चहुंओर चर्चा होने लगी। वजह थी कि किसी महिला आरक्षक के साथ गाली-गलौज व छेडख़ानी की बात कही जा रही थी। जिस पर पुलिस अधीक्षक ने तत्काल एक्शन लेते हुए प्रधान आरक्षक को निलंबित कर दिया था। निलंबन के बाद इस मामले की जांच दो जिम्मेदार अधिकारियों को सौंप दी गई थी। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के दूसरे पहलू को देखे तो सूत्र बताते हैं कि यह इतना बड़ा मैटर नही था इसे जानबूझकर बड़ा बनाया गया है।
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सूत्र तो यह भी बताते हैं कि एक जनवरी को नया वर्ष था और दिन रविवार था। उस दिन कंट्रोल रुम में 5 लोगो की ड्यूटी लगाई गई थी। लेकिन एक व्यक्ति छुट्टी पर था। अन्य चार थे लेकिन इधर-उधर थे। उस दौरान महिला आरक्षक भी मौजूद थी। जहां गाली-गलौज व छेडख़ानी प्रधान आरक्षक के द्वारा किया गया। इस आरोप पर निलंबित किया गया था। लेकिन कुछ ऐसी जानकारी भी आ रही है कि प्रधान आरक्षक रामकृष्ण बागरी बैढऩ घूमने गया था और जब रात तकरीबन 8 बजे बैढऩ से एसपी कार्यालय पहुंचा और कंट्रोल रुम पहुंचा तो वहां दरवाजा बंद था. singrauli news
जब दरवाजा खटखटाया तो दरवाजा नही खुला। तब किसी व्यक्ति ने कहा कि वहां पर महिला आरक्षक हैं न जाओ। इतना सुनने के बाद प्रधान आरक्षक वापस हुआ और कमरे पर पहुंच गया। सूत्र यह भी बताते हैं कि कमरे पर पहुंचने के बाद सूबेदार का फोन आया और एसपी आफिस बुलाया गया। जहां कहा गया कि तुम्हारा मेडिकल कराना है चलो। इसी बात को लेकर प्रधान आरक्षक व सूबेदार के बीच कुछ बातचीत हुई है। जिसका विडियो भी बनाया गया था। उसी विडियो को वरिष्ठ अधिकारियों को दिखाया गया। वहीं महिला आरक्षक पुलिस कप्तान से मिलकर शिकायत किया था। शिकायत के आधार पर प्रआर के खिलाफ कार्रवाई कर दी गई. singrauli news
9 वर्ष से सीएम हेल्पलाइन शाखा में है पदस्थ
इधर बता दें कि जिस प्रधान आरक्षक पर गाली-गलौज व छेडख़ानी का आरोप लगाया गया है वह पुलिस अधीक्षक कार्यालय सिंगरौली के सीएम हेल्पलाइन शिकायत शाखा में वर्ष 2014 से पदस्थ है। आज तक उक्त प्रधान आरक्षक के खिलाफ इस तरह की गंभीर शिकायत नही मिली। जबकि सीएम हेल्पलाइन में अच्छा प्रदर्शन करने पर सिंगरौली जिला कई बार पुरस्कृत हो चुका है। आखिर ऐसी कौन सी वजह थी कि उक्त प्रधान आरक्षक के चरित्र पर सवाल खड़ा कर दिया गया। सूत्र बताते हैं कि भले ही वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात की भनक न हो लेकिन इस पूरे घटना क्रम का मास्टर माइंड कोई और है।
फंसाना था किसी और को फंस गया कोई और
सूत्र तो यह भी बताते हैं कि जो भी इस तरह का खेल खेला है उसकी चाल तो ऐसी थी कि फंसाना दूसरे को था। लेकिन फंस गया कोई और। यह भी बात आ रही है कि यह भी फंसना जरुरी था। इस लपेटे में दोनो को लेना था लेकिन एक तो निकल गया दूसरा फंस गया। भले ही इस पूरे खेल की जानकारी एसपी आफिस ( Information SP Office ) के आला अधिकारियों को न हो लेकिन बाहर हल्ला तो यही है। जबकि सीसीटीव्ही फुटेज प्रधान आरक्षक ( CCTV footage is the main custodian ) के आने की खंगाली जाए तो कुछ सच्चाई और मिल सकती है।
इनका कहना है
उस दिन क्या हुआ यह सब कैसे हो गया इसकी विधिवत जानकारी मुझे नही है।
आर.पी. रावत
कंट्रोल रुम प्रभारी सिंगरौली
एसपी के निर्देश पर प्रधान आरक्षक के मामले की जांच किया हूं। उसमें गाली-गलौज की बात सच है लेकिन छेडख़ानी नही है। जांच रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।
संतोष तिवारी
जांच अधिकारी
प्रधान आरक्षक को निलंबित किया गया है,गाली-गलौज और छेडख़ानी के मामले में। सीसीटीव्ही फुटेज में सब दिख रहा है,सच्चाई के आधार पर ही कारवाई हुई है।
शिवकुमार वर्मा
एएसपी, सिंगरौली
इस मामले की जानकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से प्राप्त करें।
बीरेन्द्र कुमार सिंह
एसपी,सिंगरौली