Singrauli news: देवसर । फसलों के लिए ग्रहण बन चुके आवारा पशुओं के आतंक (animal terror) ने किसानों का सुख चैन(happiness and peace) छीन लिया है. जहां एक तरफ किसानों द्वारा खेती में लाखों रुपए लगा दिया जाता है और उनको उनका लागत मूल्य (cost price) भी नहीं मिल पाता तो वही आवारा पशुओं (stray animals) ने किसानों की रातों की नींद उड़ा रखी है. इस कड़ाके की ठंड में किसानों द्वारा रात भर अपने खेतों में रहकर फसलों की देखरेख की जाती है. लेकिन इसके बावजूद भी अपनी खेती नहीं बचा पा रहे हैं.
सैकड़ों की झुंड में घूमती है गाय
गांवो में सैकड़ों की संख्या में आवारा गाय घूम रही हैं जो लगातार किसानों की फसलों को खराब कर रही हैं. इन पर कब लगाम लगेगी जवाब किसी के पास नहीं है. जानवरों के आतंक से फसलों को बचाने के लिए किसान दिन-रात खेतों में अपना जीवन खपा आते हैं. लेकिन एक इलाके में सैकड़ों की संख्या में घूम रहे इन आवारा पशुओं को रोक पाना मुश्किल होता है. Singrauli news
किसानों को झेलना पड़ रहा है दोहरा मार
एक तरफ जहां किसानों द्वारा अपनी खेती में जुताई बुवाई में हजारों रुपए लगा दे जाते हैं. और उनका लागत मूल्य भी नहीं निकल पाता तो वही आवारा पशुओं के आतंक से परेशान किसानों द्वारा अपने खेतों में कंट्रीरिले तारों का उपयोग किया जा रहा है. जिससे उनको लागत में दोहरा मार झेलने को पड़ रहा है. Singrauli news
सरकार को इस ओर ध्यान देने की है आवश्यकता
आवारा पशुओं के आतंक से परेशान किसानों के अंदर अब सरकार के प्रति रोष बढ़ता ही जा रहा है. तो वहीं शासन-प्रशासन को भी चाहिए कि आवारा पशुओं के ऊपर लगाम लगाने के लिए आवश्यक कदम उठाया जाए. Singrauli news