Singrauli News:सिंगरौली 25 नवम्बर। जनपद पंचायत देवसर के सेवानिवृत्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी का सरकारी आवास से मोहभंग नहीं हो रहा है। जुलाई महीने में सेवानिवृत्त हुए थे लेकिन अभी तक सरकारी आवास खाली नहीं किया है। हालांकि इस चार महीने के दौरान किसी नये सीईओ की पदस्थापना भी नहीं हुई है।
Singrauli News: गौरतलब हो कि जनपद पंचायत देवसर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बीके सिंह 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो गये थे लेकिन सेवानिवृत्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी का सरकारी आवास से मोहभंग नहीं हुआ है। सरकारी आवास में ताला जड़े हुए हैं। जबकि सेवानिवृत्त के कुछ महीने बाद आवास को खाली कर देना चाहिए। इसके बावजूद सेवानिवृत्त अधिकारी का मोहभंग न होना लोगों के समझ से परे है। वैसे बताया जाता है कि सेवानिवृत्त सीईओ बीके सिंह रहते भी नहीं हैं। फिर भी ताला चार महीने से नहीं खोला है। इसके पीछे उनकी मंशा क्या है यह बात समझ से परे है। वहीं आवास खाली करने के लिए अभी तक जिला पंचायत से कोई नोटिस भी नहीं दिया गया है।
यहां बताते चलें कि जनपद पंचायत देवसर एवं जिला पंचायत सिंगरौली मुखियाविहीन है। दोनों स्थान पर अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को प्रभारी बनाया गया है। काम की अधिकता एवं जिला पंचायत का प्रभार अतिरिक्त होने से देवसर जनपद पंचायत में भी प्रभारी सीईओ का आना जाना कभी-कभार ही हो रहा है। जिसके चलते देवसर जनपद पंचायत का कार्यालयीन कामकाज अस्त-व्यस्त है। जब जिला पंचायत दफ्तर प्रभार में हो फिर नोटिस जारी कौन करे। इस तरह के सवाल उठाये भी जा रहे हैं। जिला पंचायत के साथ-साथ जनपद पंचायतों की हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। अधिकारीविहीन होने के कारण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाएं प्रभावित हो गयी हैंं।Singrauli News
वहीं अधिकारी, कर्मचारी मनमानी पर उतारू हैं। दोनों दफ्तरों में अधिकारी, कर्मचारी कब आ रहे हैं और कब जा रहे हैं कोई पूछने वाला नहीं है। इस तरह की अव्यवस्थाएं जिला बनने के बाद पहली बार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में देखने को मिल रही है। फिलहाल सेवा निवृत्त साहब का सरकारी आवास से मोहभंग न होना और मुखियाविहीन जिला व जनपद दफ्तर होने से सरकार को कांग्रेसी आड़े हाथो लेते हुए तीखा हमला करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।Singrauli News
योजनाओं पर लगा है ग्रहण,दफ्तरों में सन्नाटा
जनपद पंचायत देवसर में चार महीने से अधिकारी की पदस्थापना न होने के कारण सरकार के द्वारा संचालित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के योजनाओं पर ग्रहण लग गया है। आलम यह है कि देवसर जनपद में हितग्राहियों का आना-जाना भी लगभग बंद हो गया है। ग्रामीण बताते हैं कि जब जिम्मेदार अधिकारी ही नहीं हैं तो दफ्तर जाने का कोई औचित्य ही नहीं है। समय के साथ-साथ फिजुलखर्ची भी है। जनपद के कर्मचारी भी यदि मिल जायें तो बड़ी बात है। सीईओ के न होने से ऐसी स्थिति निर्मित हुई है।Singrauli News
मजदूरों का पलायन शुरू,प्रशासन अंजान
पंचायत चुनाव के छ: महीने पहले से ही निर्माण कार्य अधिकांश: ठप पड़े हुए थे। चुनाव के बाद उम्मीद लगायी जा रही थी कि जैसे ही सरपंचों का खाता खुलेगा मनरेगा सहित पंच परमेश्वर योजना के तहत मजदूरों को पर्याप्त रोजगार मुहैया कराया जायेगा। किन्तु जिले के अधिकांश पंचायतों में मजदूरी के लिए श्रमिक दर-दर भटक रहे हैं। जहां तालाब, बांध के काम चल भी रहे हैं वहां जेसीबी मशीन का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है। शिकायत के बावजूद प्रशासन की ढुलमुल रवैया से एजेंसियों का हौसला बुलंद हो जा रहा है और मजदूर रोजगार के लिए दूसरे प्रांतों की ओर जाना शुरू कर दिये हैं।Singrauli News