Singrauli News Business of adulteration in coal in full swing, GRP and responsible silence
Singrauli News : कोयला वर्तमान समय में बिजली उत्पादन के लिए अति आवश्यक खनिज पदार्थ है। इसकी कालाबाजारी करने वालों के लिए चारकोल व स्टोन डस्ट सोना बन गया है.फिलहाल इन दिनों मेसर्स गोदावरी, मेसर्स महाकाल, मेसर्स महावीर, मेसर्स एसबीसी, मेसर्स आर के ट्रेडर्स, मेसर्स बालाजी द्वारा कोयला का ट्रांसपोर्टेशन किया जा रहा है.
Singrauli News: एनसीएल कृष्णशिला रेलवे साइडिंग पर कोयले के मिलावट के खेल से पर्दा उठने के बाद कोल माफिया उत्तर प्रदेश को छोड़कर अब सिंगरौली रेलवे साइडिंग को अपना नया अड्डा बना लिया है.ऊर्जांचल में कोयले की कालाबाजारी करने वाले इस खेल में दिन रात लगे हैं। कोयला में मिलावट व कागजों में हेराफेरी कर कोयले को आसपास के मंडियों में भेज दिया जा रहा है। इसके लिए रेल रैक से फैक्ट्री का कचरा (चारकोल) या फिर स्टोन डस्ट लाकर कोयले में मिलाया जा रहा है. लेकिन कोयले के इस मिलावट के खेल में गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (GRP) मौन धारण किए हुए हैं.
बता दें कि सिंगरौली जिले के महदैया और बरगवां क्षेत्र से रेल रैक के जरिए कोयले का परिवहन किया जाता है. बरगवां के एक क्रेशर संचालक के यहां की स्टोन डस्ट को ना केवल स्टाक करते बल्कि अन्य क्रेशरो स्टोन डस्ट लाकर बरगवां क्रेशर संचालक के यहां स्टाक किया जाता है. यह पूरा काम प्री प्लानिंग के तहत किया जाता है जहां कोयला माफिया रेलवे रैक लगने के 1 दिन पहले रातों-रात वहां पर स्टोन डस्ट कोयले में मिला दिया जाता है. कोयले में स्टोन डस्ट मिलाने के लिए जेसीबी मशीन पहले से ही तैनात रहती है. Singrauli News
गवर्नमेंट रेलवे पुलिस की भूमिका संदिग्ध !
जीआरपी में रेलवे में कानून-व्यवस्था बनाए रखना है. जीआरपी उन सभी क्राइम को देखती है, वह रेलवे सहित रेल संपत्ति की चोरी रोकने की जिम्मेदारी इन्हीं के पास होती है. जीआरपी के पास स्टेशन या ट्रैक से आस-आस का हिस्सा भी आता है. जीआरपी के अधिकारों की बात करें तो जीआरपी गिरफ्तार करती है. सूत्रों की माने तो जीआरपी पुलिस का भी कुल माफियाओं ने रेट फिक्स कर रखा है यही वजह है कि वह कोयले के इस मिलावट के खेल में माफियाओं को प्रोटेक्ट करते हैं. Singrauli News
ऐसे दिया जाता है मिलावट को अंजाम
रेलवे स्टेशन पर रेल रैक कब लगेगा इस बात की जानकारी कोयला माफियाओं को बखूबी रहता है. ऐसे में माफिया रेल रैक लगने के 1 दिन पहले स्टोन डस्ट या फिर चारकोल को रेलवे रैक में पहुंचा देते हैं जहां पहले से मौजूद जेसीबी मशीन से स्टोन डस्ट को कोयले में मिक्स कर देते हैं और अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर मिलावट के इस खेल को अंजाम दिया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार इस खेल में कोल माफिया अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर करोड़ों रुपये का खेल कर रहे हैं. Singrauli News