singrauli news: सिंगरौली। मध्यप्रदेश किसान कांग्रेस ( Madhya Pradesh Kisan Congress ) के प्रदेश महामंत्री डी.पी. शुक्ला ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर शिवराज सिंह एवं प्रदेश भाजपा सरकार ( State BJP Govt ) पर आरोप लगाया है कि शिवराज सिंह मध्यप्रदेश के युवाओं को सरकारी अथवा निजी क्षेत्र में सम्मानजनक रोज़गार ( Respectful employment ) के अवसर तो दिला नही पाए। उल्टा यूपीए सरकार द्वारा बनाए गए भू-अर्जन अधिनियम 2013 ( Land Acquisition Act 2013 ) के उपबंधों को दरकिनार कर किसानो के साथ अन्याय कर उनकी ज़मीन को भी लूटने का काम कर रहे हैं।
केंद्र की कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने अंग्रेज़ो द्वारा बनाए गए भूमि अधिग्रहण क़ानून 1894 की जटिलता को दूर करने के लिए पूरे देश में भूमि अधिग्रहण, पुनर्वासन, पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकार तथा पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 लागू कर दिया गया। जिसमें किसानो को उनके ज़मीन होने वाले अर्जन के एवज़ में कई सहूलियतें प्रदान करते हुए भू अर्जन प्रक्रिया को पारदर्शी एवं आम जनता के लिए हितैषी कानून बनाया था। किंतु मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह एवं भाजपा सरकार द्वारा किसानों के हित दरकिनार मूल भूअर्जन क़ानून 2013 में संशोधन कर प्रदेश की जनता के अधिकारों को छीना जा रहा है. Also Read — Horoscope Today 7 August 2022 Aaj Ka Rashifa : मकर सहित इन 5 राशियों की किस्मत चमकाने कर्क राशि में आ रहे शुक्र, जानें किसे रहना है सावधान
भूमि अधिग्रहण कानून 2013 की अनुसूची गणना करने में ग्रामीण क्षेत्रों में (गुणक 2.00) गुणक दो के मुताबिक मुआवजा प्रतिकर प्रभावित कृषकों को देने प्रावधान है (यानि की ग्रामीण क्षेत्र में हुएम्म भूमि अधिग्रहण पर चार गुना मुआवजा देने का प्रावधान है।)। जिसे वर्ष 2015 में मोदी सरकार द्वारा अपने उद्योगपति मित्रों को फ़ायदा पहुँचाने के ऊदेश्य से घटाकर दो गुना (ग्रामीण क्षेत्रों में गुणक 1.00)कर दिया गया था। किंतु देश भर के किसानो एवं कांग्रेस पार्टी द्वारा सड़क से संसद तक की लड़ाई के बाद पुनः निर्णय वापस ले लिया गया। जिसकी अधिसूचना 9 फरवरी 2016 को जारी कर गुणक दो 2.00 कर दिया गया. singrauli news
किंतु मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के अधिकारों का दोहन करने के ऊदेश्य से केंद्र द्वारा फ़ैसला पलट दिए जाने के बाद भी मध्यप्रदेश की किसान मज़दूर विरोधी शिवराज सरकार द्वारा अधिनियम में वर्णित धारा 106 के विपरीत जाते हुए ग़ैरक़ानूनी ढंग से 29 सितंबर 2014 को अनुसूची में संसोधन कर ग्रामीण क्षेत्रों में मुआवज़ा गुणक 1.00 यानी दोगुना कर दिया गया। भू अर्जन अधिनियम 2013 के अनुसार अनुसूची में संशोधन करने की शक्ति मात्र केंद्र सरकार की होती है और वह भी धारा 106 के उपधारा (1) के मुताबिक प्रतिकर की रकम कम किए बिना और अधिनियम के वर्णित उपबंधओं को क्षीण किए बिना संशोधन या परिवर्तन कर सकेगी जिसे सदन द्वारा पारित कराया जाएगा। किंतु राज्य सरकारों को क़ानून के अनुसार मुआवज़ा प्रतिकर के मूल्यांकन के निर्धारण के क़ानूनों में परिवर्तन की किसी प्रकार की कोई अधिकारिता अनुसूची में संशोधन करने की नहीं होती है. singrauli news
उसके बाद भी शिवराज सरकार द्वारा मध्य प्रदेश की जनता के चार गुना मिलने वाला लाभ को दोगुना कर अपने करीबी उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। शिवराज सिंह के मित्र उद्योगपति मध्यप्रदेश में ज़मीन का अर्जन कर किसानों से बेहद कम क़ीमत पर ज़मीन का अर्जन कर उनकी ज़मीन तो हड़प ली जा रही है किंतु उस पर उद्योग स्थापित नही किए जा रहे है। जिससे कि मध्यप्रदेश के युवाओं की ज़मीन भी जा रही है एवं उनको रोज़गार भी नही मिल पा रहा है।
अगर अधिनियम के वर्णित व्यवस्था ( The provisions of the Act ) के विपरीत जो संशोधन अनुसूची में की गई है इसे तत्काल राज्य सरकार द्वारा वापस नहीं लिया जाता तो विधि सम्मत कानून के मुताबिक माननीय न्यायालय में याचिका के माध्यम से व सड़कों par संघर्ष कर सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध किया जाएगा। कांग्रेस की सरकार आने पर भू अर्जन अधिनियम के वर्णित व्यवस्था के अनुरूप गुणक दो लागू कराए जाने का विधानसभा में प्रस्ताव लाया जाएगा।
