Sunday, April 14, 2024
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singrauli news: कोयले के नाम पर छांई की मिलावट, प्रतिदिन हो रहा करोड़ो का खेल, गोदावरी ट्रांसपोर्ट महदेईया का मामला

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singrauli news: सिंगरौली। सिंगरौली में कोयले ( coal in singrauli ) के  खेल में प्रतिदिन करोड़ो की हेराफेरी का मामला सामने आ रहा है। कोयले के नाम पर छांई की मिलावट की जा रही है। कुछ ऐसा ही मामला जिले के महदेईया में स्थित ( located in Mahdeiya ) गोदावरी ट्रांसपोर्ट में सुनने को मिल रहा है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी कुम्भकरणीय निद्रा में सो रहे है। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि इस पूरे खेल में रेलवे व आरपीएफ पुलिस व ट्रांसपोर्टर की मिलीभगत से मिलावट ( adulteration by collusion ) का खेल कर प्रतिदिन करोड़ो का चूना लगाया जा रहा है.

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गौरतलब हो कि मिलावटी व नकली कोयला का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। रेलवे साइडिंग  का कोयला ललितपुर पावर कंपनी में रैक के माध्यम से परिवहन कराया जा रहा है। रेलवे साइडिंग में कोयले के डम्पिंग का काम गोदावरी कंपनी को सौंपा गया है। रेलवे साइडिंग में डस्ट, भस्सी का ढेर कैसे लगा है इसका ठोस जबाव किसी के पास नहीं है। सवाल उठाया जा रहा है कि रेलवे साइडिंग में भारी मात्रा में भस्सी व मलबा, क्रेशरों का रॉ मटेरियल कैसे पहुंच गया। आज तक जिम्मेदार अधिकारियों ने इसकी खोज खबर तक नहीं लिया है। साथ ही यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि रेलवे साइडिंग में भस्सी व रॉ मटेरियल का भण्डारण कराये जाने के पीछे मकसद क्या है।  रेलवे साइडिंग में क्रेशरों का रॉ मटेरियल कोयले के इर्द-गिर्द ढेर लगा हुआ है. singrauli news

वीडियो इस बात का भी बया कर रहा है कि कोयले ढेर  के बीचो-बीच रॉ मटेरियल का होना कई सवालों को जन्म दे रहा है। सूत्र तो यहां तक बता रहे हैं कि रेलवे साइडिंग के कुछ दूरी पर भारी भरकम मलबा हुआ करता था लेकिन इन दिनों वह मलबा भी गायब है और उसके मलबे का  भी कोई रता पता नहीं है। मलबा कहां गया कौन उत्खनन कर परिवहन किया यह सवाल उठाये जा रहे हैं।

यदि उक्त मलबा रेलवे साईडिग के अंदर था तो अवैध उत्खनन के समय रेलवे के नुमाइंदे कहां थे और उत्खनन,परिवहन कराने वाला कौन था। इतना भारी-भरकम मलबा गायब हो गया और प्रशासन को भनक नहीं लगी। कहीं न कहीं प्रशासन की लापरवाही भी सामने आ रही है। उधर रेलवे साइडिंग में भस्सी व अन्य रॉ मटेरियल का परिवहन कर डम्प कराये जाने को लेकर रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स पर भी सवाल खड़े किये जा रहे हैं। चर्चाओं के मुताबिक रेलवे साइडिंग में देखरेख के लिए ही आरपीएफ की तैनाती की जाती है. singrauli news


भस्सी मिलावट का चल रहा खेल
क्रेशर संचालक कोरोनाकाल के बाद से ही घाटे का सौदा बता रहे थे। लेकिन अक्सर यही कहा जाता है कि सब्र का फल मीठा होता है। क्रेशर संचालक भले ही कमाई ठप होने का रोना रो रहे थे, अब उनके दिन भी लौट आये हैं। सूत्र बता रहे हैं कि इन दिनों भस्सी की मांग बढ़ गयी है। जहां क्रेशर संचालक भस्सी को रॉ मटेरियल मान रहे थे अब इसकी कीमत बढ़ गयी है। सूत्र बता रहे हैं कि इन दिनों रेलवे साइडिंग में भस्सी का भण्डारण भी कराया जा रहा है और यह भस्सी कोयले में मिलावट करने का कारोबार किया जा रहा है और असली कोयले को कहीं और खपा देने का सिलसिला चल रहा है। भस्सी की मांग बढऩे पर क्रेशर संचालकों के मुरझाये चेहरों पर रौनक दिखने लगी है. singrauli news


आरपीएफ के कार्यप्रणाली पर खड़े हो रहे सवाल
रेलवे साइडिंग में अवैध कारोबार को रोकने के लिए रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स की ( Railway Protection Force ) तैनाती की गयी है। बावजूद इसके आरपीएफ अवैध कोयले के कारोबार को नहीं रोक पा रहा है। आरोप के साथ-साथ चर्चाएं हैं कि कोयले के इस काले खेल में आरपीएफ  की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है और उनकी सख्ती न होने से रेलवे साइडिंग मेें पहले चारकोल पहुंचता था और अब जब चारकोल के आने पर सीमाओं पर सख्ती बरत दी गयी तो कारोबारियों ने नया तरकीब निकालते हुए भस्सी का परिवहन कराना शुरू कर दिया है। इधर इस इलाके में बहुत बड़ा कोयले का खेल हो रहा है। गोदावरी कंपनी की विश्वसनीयता पर भी प्रश्रचिन्ह लगने लगा है. singrauli news

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