Tuesday, April 23, 2024
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Singrauli: एनसीएल व एनटीपीसी कचरा प्रबंधन में कर रही खानापूर्ती,खुले मेंं फेक रहे कचरा

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Singrauli: सिंगरौली- देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी(Narendra Modi) स्वच्छता को अपना मिशन बना लिया कही भी कचरा फैला देखकर वह खुद स्वच्छता में लग जाते है.लेकिन देश की मिनीरत्न (miniratna) कंपनी एनसीएल और एनटीपीसी(NCL and NTPC) मोदी के सपनो को पलीता लगाते हुयें नजर आते है.अब हाल ही में एनसीएल और एनटीपीसी (NCL and NTPC) के आवासीय परिसर सहित उनके कैंपस (campus) में गंदगी का अबार कुछ यही कहानी बया कर रहे है.

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नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण(cleanliness survey) को लेकर एक बार अपनी तैयारी शुरु कर दी है. कागजी दस्तावेज तैयार करने के साथ नगर निगम क्षेत्र में सफाई अभियान(cleanliness drive) भी तेज कर दिया है लेकिन इन सब के बीच कंपनियों के कालोनियों से निकलने वाला कचरा नगर निगम (municipal Corporation) के परेशानियों का सबब बना हुआ है. जबकि एनसीएल और एनटीपीसी के आवासीय परिसर में सफाई के लिये करोड़ो रुपये पानी की तरह बहाये जाते है लेकिन हालात इतने बिगड़ चुके है कि लोगो को फैलाई गई गंदगी(filth) के बगल से निकलते समय नाक में रुमाल रखना पड़ता है. Singrauli

कचरा प्रबंधन को लेकर कंपनियों में हो रही औपचारिकता को लेकर नगर निगम अधिकारी गंभीरता नही दिखाई तों अगले सर्वेक्षण में 5 स्टार मिलना तो दूर लाज बचाना मुश्किल हो जायेगा.एनसीएल और एनटीपीसी कचरा प्रबंधन में खानापूर्ती कर सड़क के किनारे कूड़ा ढेर इधर-उधर डंप किया जा रहा है.जबकि आवासीय परिसर से निकलने वाला कचरा का प्रबंधन कंपनियों को ही करना है.अधिकारियो की माने तो सर्वेक्षण के लिये टीम अगले वर्ष जनवरी में आ सकती है. Singrauli

शुक्ला मोड़ बना नर्क


मोरवा पहुचने के लिये शुक्ला मोड़ से गुजरना पड़ता है जहां लोग कोयले के गुब्बार से हर रोज दो चार होना पड़ता है.लेकिन अब उन्हे आवासीय परिसर से निकलनें वाले कचरे को सड़क के किनारे फेक देने से इस रास्ते से निकलना अब और भी मुश्किल हो गया.मोरवा जोन के वार्ड 4,5,6 व 10 प्रभावित क्षेत्र है. Singrauli

निगम अधिकारी बने तमासबीन


्नगर निगम के अधिकारी कचरा प्रबंधन को लेकर कंपनियों के हिलाहवाली सें अच्छी तरह वाकिफ है.लेकिन उनकी ओर से कोई कड़ा कदम अब तक  नही उठाया जा सका.पिछले 3 सालो से सर्वेक्षण की तैयारी के समय कंपनियों को कचरा प्रबंधन की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिये जाते है. वावजूद इसके अधिकारी उन निर्देशो पालन नही करते है.

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