रीवा, 22 दिसम्बर, आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के मामले में लोकायुक्त कार्यालय रीवा में 8 अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू कर दी गई है. तत्कालीन महापौर से लेकर एएसपी तक शामिल है. इन सभी के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति को लेकर शिकायत की गई थी. जिसकी जांच कराई गई और जांच में आय से अधिक सम्पत्ति मिलने पर अपराध पंजीबद्ध किया गया है.
सरकारी अफसर अपने सेवा काल के दौरान भ्रष्टाचार कर अकूत सम्पत्ति अर्जित करते है. सेवा काल के दौरान मिलने वाली वेतन से कहीं ज्यादा चल-अचल सम्पत्ति बनाई जाती है जो कि आय से कहीं ज्यादा होती है. लोकायुक्त रीवा कार्यालय में ऐसे कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने की शिकायत की गई थी. शिकायत के आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने प्राथमिक जांच की, जिसमें यह पाया गया कि आय से अधिक सम्पत्ति संबंधित द्वारा अर्जित की गई है. जिसके बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 13-1 बी के तहत अपराध दर्ज कर प्रकरण की विवेचना शुरू कर दी गई है. अब इन अधिकारियों की मुसीबते बढ़ जायेगी. जिनके खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ है उनमें से अधिकांश रीवा, सीधी एवं सिंगरौली के है.
इनके खिलाफ दर्ज हुआ है प्रकरण
1 अशोक कुमार गुप्ता सचिव ग्राम पंचायत उज्जैनी जनपद पंचायत देवसर जिला सीधी
2 श्रीमती प्रेमवती खैरवार तत्कालीन महापौर नगर पालिक निगम सिंगरौली
3 नरेश सिंह चौहान आरक्षक थाना कोतवाली जिला सीधी हाल सहायक उपनिरीक्षक मऊगंज जिला रीवा
4 राकेश कुमार जैन सहायक इंजीनियर नगर पालिक निगम सिंगरौली
5 मोतीलाल कुशवाहा शाखा प्रबंधक बैंक मुख्यालय क्षेत्रीय शाखा मड़वास जिला सहकारी बैंक मर्यादित जिला सीधी
6 मोहित तिवारी ग्राम रोजगार सहायक ग्राम पंचायत खोचीपुर विकासखंड सिहावल जिला सीधी
7 रामखेलावन शुक्ला तत्कालीन उप पुलिस अधीक्षक सीआईडी भोपाल हाल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संभाग जबलपुर
8 श्रीनाथ सिंह बघेल तत्कालीन उप पुलिस अधीक्षक हरिजन कल्याण जिला सतना हाल सेवानिवृत्त
आठ के खिलाफ दर्ज किया गया है प्रकरण: लोकायुक्त एसपी
लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के मामले में अपराध पंजीबद्ध किया गया है. शिकायत मिली थी, जिसके बाद जांच कराई गई और जांच में आय से अधिक सम्पत्ति मिलने पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13-1 बी के तहत प्रकरण कायम किया गया है. जिसकी विवेचना की जा रही है.