Sidhi District Hospital : सीधी – सीएम शिवराज सिंह चौहान भले ही दावा करते हैं कि सरकारी अस्पतालों(government hospitals) में बेहतर इलाज हो रहा है लेकिन उन दावों की पोल खोल रहा है सीधी जिला का यह जिला चिकित्सालय (District hospital) यहां एक मरीज की सही इलाज नहीं हो पाने के चलते सांसे रुक गई. अब परिजनों ने जिला अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
Sidhi District Hospital – बता दे कि जिले से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित मझौली थाना के ठेगरही भगोहर गांव निवासी मोहन सिंह को 4 दिन पहले तबीयत बिगड़ने पर जिला अस्पताल(District hospital) में परिजनों ने भर्ती कराया था जहां मरीज की हालत गंभीर देख चिकित्सकों (physicians)ने उसे आईसीयू में शिफ्ट कर दिया था जहां शुक्रवार 4:00 बजे युवक आईसीयू के वेंटिलेटर पर था उसकी दौरा बिजली गुल हो गई जिससे अस्पताल(physicians) के सारे उपकरण बंद हो गए और मरीज को ऑक्सीजन मिलना भी बंद हो गई कुछ देर बाद इलाज हो रहे मरीज की तड़प तड़प कर मौत हो गई.
परिजनों ने प्रबंधन पर लगाया लापरवाही का आरोप
परिजनों ने बताया कि 2 दिसंबर की सुबह करीब 4:00 आईसीयू वार्ड में डेढ़ घंटे तक बिजली नहीं रही.Sidhi District Hospital
आईसीयू में भर्ती उमेश सिंह को ऑक्सीजन नहीं मिलने से मौत हो गई घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मच गया अधिकारियों ने अपनी कमियों पर पर्दा डालने के लिए अब कुछ और ही कहानी बता रहे हैं यह जानने लायक हैं कि जिला अस्पताल का जनरेटर कई महीने से बंद है सोलर लाइट लगने के बाद से जनरेटर का उपयोग पूरी तरह से बंद हो गया तो वही मेंटेनेंस के अभाव में वह कंडोम हो चुका है सोलर लाइट के कारण प्रबंधन ने कोई दूसरा वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है.
ड्यूटी से नदारद स्टॉप – Sidhi District Hospital
परिजनों ने बताया कि सुबह जब आईसीयू की बिजली चली गई तो हम लोगों ने ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर और नर्स को ढूंढने लगे लेकिन सब गायब थे करीब डेढ़ घंटे तक बिजली सप्लाई बंद रही ऐसे में ऑक्सीजन के अभाव में युवक तड़पता रहा अगर वहां कोई नर्सिंग स्टाफ होता तो संभवत मरीज की जान बचाई जा सकती थी.
बयान देने से कतराते रहे जिम्मेदार – Sidhi District Hospital
जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से मरीज की मौत होने के बाद अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मच गया इस घटना के संबंध में जब अस्पताल प्रबंधन से कारणों का पता जानने की कोशिश की गई तो वह बयान देने से कतराते रहे वही अस्पताल प्रबंधन की व्यवस्थाओं को लेकर लोग सांसद और विधायक को भी जिम्मेदार मानते हैं उनका कहना है कि यदि सांसद और विधायक इसी अस्पताल में इलाज कराएं तो शायद अस्पताल की व्यवस्थाएं दुरुस्त हो जाए.