Scam in PM Awas Yojana in Singrauli, now a scam in Singrauli, questions raised on the role of Modi
PM : पीएम आवास घोटाले में चहेतों को बचाने में जुटे अधिकारी,मामला देवसर जनपद पंचायत क्षेत्र के खंधौली पंचायत का, रोजगार सहायक को बना दिया अपराधी,जांच प्रतिवेदन पर उठने लगे सवाल
PM : पीएम आवास योजना में घोटाला की परत दर परत अब खुलने लगी है सतना के बाद अब सिंगरौली में भी पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार हुआ है इस पूरे मामले में जनपद सीईओ अनुराग मोदी की एक पक्षीय कार्यवाही पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
सिंगरौली 28 अक्टूबर। जनपद पंचायत देवसर के ग्राम पंचायत खंधौली में प्रधानमंत्री आवास के निर्माण में हुए घोटाले को लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े अधिकारियों की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है। अपना गला बचाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने रोजगार सहायक को बलि का बकरा बनाते हुए अपराधी बना दिया है। प्रधानमंत्री आवास घोटाले में जांच प्रतिवेदन पर कई तरह के सवाल खड़े किये जा रहे हैं. PM
गौरतलब हो कि ग्राम पंचायत खंधौली में प्रधानमंत्री आवास योजना में व्यापक पैमाने पर गड़बड़झाला किया गया है। मामला जब पंचायत के ग्रामीणों द्वारा जोर-शोर से उठाया गया तब जिला पंचायत सीईओ ने उक्त शिकायतों की जांच का जिम्मा अतिरिक्त जिला पंचायत सीईओ एवं प्रभारी जनपद पंचायत सीईओ देवसर अनुराग मोदी को सौंप दिया. PM
सूत्र बताते हैं कि जांच अधिकारी ने हितग्राहियों के बयान भी लिये और जांच टीम कुछ स्थलों का जांच भी किया है। जहां जांच प्रतिवेदन में समस्त जबावदेही रोजगार सहायक प्रदीप मिश्रा पर थोप दिया गया। हालांकि इस मामले में तत्कालीन दो पंचायत सचिवों उमेश द्विवेदी एवं करूणेश द्विवेदी को जिला पंचायत सीईओ ने निलंबित कर दिया. PM
वहीं जांच प्रतिवेदन के आधार पर रोजगार सहायक के खिलाफ थाना जियावन में अपराध पंजीबद्ध कराया गया। पुलिस ने रोजगार सहायक के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर जांच शुरू कर दिया है। लेकिन अब जांच प्रतिवेदन पर ही सवाल खड़े किये जा रहे हैं। इस बात की अब चर्चा शुरू है कि यदि रोजगार सहायक ने पात्र हितग्राहियों को पीएम आवास से वंचित कर ऐसे लोगों का बैंक खाता खुलवाया गया जिनका आवास में नाम नहीं था. PM
जन चर्चा है कि यदि किसी भी हितग्राही का नाम काटकर दूसरे का नाम जोड़ा जाता है तो यह सबकी जबावदेही पीएम आवास प्रभारी ब्लाक क्वार्डिनेटर की होती है। ब्लाक क्वार्डिनेटर सत्यापन करता है और उसके पास आईडी भी रहती है। सूची मिलान करने के बाद ही बैंक के खाते में राशि ट्रांसफर की जाती है। साथ ही हितग्राहियों का परीक्षण एवं आवास पोर्टल पर बैंक खाता फीड करना ब्लाक क्वार्डिनेटर को है। ऐसे में अकेले रोजगार सहायक दोषी कैसे साबित किया जा रहा है?आवास घोटाले के इस पूरे खेल में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े कई अधिकारी, कर्मचारियों के संलिप्त होने की बू सामने आ रही है. PM
आरोप लगाया जा रहा है कि जांच अधिकारी ने सोची समझी रणनीति के तहत आनन-फानन में जांच कर एकपक्षीय प्रतिवेदन तैयार करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों के यहां प्रस्तुत कर दिया और अपने चहेतों को बचाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा है, ताकि उनके चहेतो कर्मचारियों पर अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध न हो। संविदा रोजगार सहायक को असली आरोपी बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा जा रहा है. PM
देवसर जनपद क्षेत्र में घोटाले की खुलेंगी परते!
देवसर जनपद पंचायत क्षेत्र में अकेले खंधौली ही पंचायत नहीं है। कई ऐसी तथाकथित पंचायते हैं जहां प्रधानमंत्री आवास, पंच परमेश्वर योजना की राशि में व्यापक पैमाने पर घोटाला किया गया है। पूर्व में पदस्थ जनपद सीईओ बीके सिंह को इस बात की पूरी जानकारी थी लेकिन अपनी कार्यप्रणालियों के लिए चर्चित तत्कालीन जनपद सीईओ ने भ्रष्ट्राचारियों पर लगाम कसने कदम नहीं उठाया. PM
इस तरह के आरोप लगाये जा रहे हैं। खंधौली ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के घोटाले की पोल खुल गयी। लेकिन ऐसी कई ग्राम पंचायतें हैं जहां पीएम आवास के मजदूरी भुगतान को रोजगार सहायकों ने डकार लिया है और हितग्राही जनपद सहित रोजगार सहायक के यहां भुगतान के चक्कर काट रहे हैं उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. PM
ब्लाक क्वार्डिनेटर पर मेहरबानी क्यों?
प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रभारी एवं ब्लाक क्वार्डिनेटर अशोक दुबे पर प्रभारी जनपद सीईओ की दरियादिली समझ से परे है। ब्लाक क्वार्डिनेटर पर इतनी मेहरबानी क्यों दिखाई जा रही है? जिस कर्मचारी के पास पीएम आवास का प्रभार हो और वह हितग्राहियों की सूची को सत्यापन कर आवास पोर्टल पर बैंक खाता फीड कराना पूर्णत: आवास की फोटो, हितग्राही के साथ मकान पूर्णत: का मिलान कराना एवं अपने आईडी से खाते में राशि का भुगतान कराने की जबावदेही हो उसे इस गड़बड़झाले से बाहर निकालना कहीं न कहीं तरह-तरह के सवाल खड़े किये जा रहे हैं. PM