Rewa: एमपी न्यूज़ – केंद्र की मोदी सरकार दूसरी बार सत्ता में आने के बाद एक के बाद एक बड़े बदलाव कर रही है. मोदी सरकार(modi sarkar) जहां पहले कई रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट(airport) को किराए पर दिया तो वही अब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अपनी आय बढ़ाने के लिए नेशनल हाईवे(national highway) सड़क को किराए पर देने की तैयारी कर रही है.
Rewa: बता दे कि nh-34 उत्तर प्रदेश(uttar pradesh) में दक्षिण भारत कन्याकुमारी से जुड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 34 के एक हिस्से को लीज पर देने की तैयारी चल रही है सरकार का लीज पर देने की बजाए सड़क (sadak) के निर्माण के लिए धन एकत्रित करना है. मध्य प्रदेश(madhyapradesh) में सबसे पहले 287 किलोमीटर रीवा लखनऊ सड़क को एक निश्चित समय के लिए निजी हाथों में सौंपा जाएगा हालांकि यह ली 20 से 25 साल के लिए तैयार की गई है. सरकार इसके पीछे मकसद (maksad) है की नई सड़कों का जाल बिछाने के लिए एनएचआई अब सड़कों को निजी हाथों में देकर एक मुस्त पैसा वसूलेगा जिससे नई सड़कें बनाई जा सके.
मिली जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में 287 किलोमीटर लंबी दूरी की रीवा लखनऊ सड़क को एक निश्चित समय के लिए निजी हाथों में सौंपा जाएगा. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इस सड़क को करीब ₹250000000 में किराया देना चाहता है वर्ष 2022 में इस सड़क को करीब 4348 करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई थी. क्षेत्रीय अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय स्तर पर फंडिंग के आधार पर डेडलाइन तय की जाती है इसके लिए टेंडर बुलाए जाते हैं जो ज्यादा कीमत देगा उसे सड़क सौंपी जाएगी. वहीं सड़क के रखरखाव के लिए टोल से होने वाली आय निजी कंपनी को दी जाएगी. Rewa
टोल टैक्स से 8000000 की कमाई
रीवा जबलपुर के बीच चार टोल टैक्स नाके है. पहला टूल अमरपाटन में दूसरा मैहर में तीसरा सिहोरा में और चौथा बरगी में पड़ता है टोल के जरिए इस सड़क प्रतिदिन 70 से 80 लाख रुपए की कमाई होती है वही जब निजी कंपनियां सड़क खरीदती हैं तो टूर से होने वाली कमाई कंपनी को चली जाती है वर्तमान में राष्ट्रीय सड़क प्राधिकरण टोल से जो राजस्व एकत्र होता है उसे एन एच ए आई नेटुर वसूली के लिए एक एजेंसी अधिकृत की है जो एक निश्चित टैक्स वसूल ती है. Rewa
2023 में जारी होगा टेंडर
अधिकारी अब इस नेशनल हाईवे सड़क के आय और व्यय का निर्धारण कर रहे हैं जिसके आधार पर टेंडर निकाले जाएंगे अधिकारियों का मानना है कि इस पूरी प्रक्रिया को अप्रैल 2030 तक पूरा कर लिया जाएगा वही टेंडर आमंत्रित करने के लिए निजी कंपनियों से प्रस्ताव मंगाए जाएंगे और सबसे ज्यादा बोली बोलने वाले समूह को nh-34 का अधिकार दिया जाएगा. Rewa