Reshuffle in BJP state president : सिंगरौली, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष कांतदेव सिंह राजकुमार खटाई को उज्जैन के बाद भोपाल संभाग का संगठन प्रभारी बनाये जाने के बाद समर्थकों में खासा उत्साह है,समर्थकों में चर्चा है कि यदि प्रदेश के संगठन में फेरबदल हुआ तो बतौर प्रदेश अध्यक्ष के लिए रेस में सबसे आगे हैं, वहीं सिहावल विधानसभा से भी टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं,
Reshuffle in BJP state president : गौरतलब हो कि भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष कांतदेव सिंह का राजनैतिक क्षेत्र में लगातार कुनबा बढ़ता जा रहा है, संगठन में अच्छी पकड़ होने का इन्हेें फायदा भी मिलने लगा है, अभी तक कांतदेव सिंह उज्जैन संभाग के संगठन प्रभारी थे, लेकिन हाल ही में संगठन प्रभारियों में हुए फेरबदल के बाद प्रदेश की राजधानी भोपाल संभाग का प्रभारी बनाये जाने के बाद उनके समर्थकों में एक नया जोश उत्पन्न हुआ है.
प्रदेश उपाध्यक्ष कांतदेव सिंह के समर्थक इस बात की भी चर्चाएं शुरू कर दिये हैं कि प्रदेश संगठन में बड़ा फेरबदल होने वाला है, यदि फेरबदल हुआ तो उनका संगठन में अच्छी पकड़ होने का फायदा मिल सकता है और प्रदेश अध्यक्ष के रेस में सबसे आगे चल रहे हैं,
कांतदेव सिंह के समर्थकों में चर्चाएं हैं कि भाजपा प्रदेश संगठन में एकलौते राजपूत को बड़ा ओहदा मिला हुआ है, ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष बनने की पूरी संभावना दिख रही है, साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में सिहावल विधानसभा से विधायक टिकट के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं, इनके समर्थक इस बात को भी स्वीकार कर रहे हैं कि यदि कांतदेव सिंह को सिहावल विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिला तो भाजपा की जीत पक्की हो सकती है.
फिलहाल भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष कांतदेव सिंह को भोपाल संभाग का प्रभारी बनाये जाने पर उनके समर्थकों में भारी उत्साह है और नया जोश दिखने लगा है, यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो प्रदेश अध्यक्ष में कहीं आगे निकल सकते हैं
दो बार सिंगरौली का भी कर चुके हैं प्रतिनिधित्व
कांतदेव सिंह सबसे पहले वर्ष 2004 में सिंगरौली इकाई का जिलाध्यक्ष बनाये गये थे उस समय सिंगरौली जिला नहीं बना था, इसके बाद वर्ष 2015-16 में सिंगरौली का जिलाध्यक्ष रहे, हालांकि बीच में किसान मोर्चा के प्रदेश सचिव भी रहे, हालांकि लोक सभा चुनाव के दौरान टिकट के लिए दावेदारी भी किये थे, टिकट न मिलने से क्षुब्ध होकर जिलाध्यक्ष पद से त्याग पत्र देने का पेशकश कर दिये थे.
लोकसभा चुनाव बाद उनके इस्तीफे को प्रदेश संगठन ने स्वीकार कर लिया था, कुछ दिनों तक हासिये पर रहे लेकिन अचानक लंबी छलांग लगाते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष जैसे अहम पद हासिल कर विरोधियों को करारा झटका दिया,अब उन्हें माना जा रहा है कि प्रदेश संगठन बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है,