Tuesday, April 23, 2024
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New Year 2023: नए साल पर घूमने का कर रहे प्लान तो भूलकर भी ना करें यह काम, नहीं जाना पड़ सकता है जेल 

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New Year 2023: 2 दिन बाद नया साल लगने वाला है ऐसे में कई परिवार पिकनिक मनाने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य ( Chhattisgarh State ) में घूमने का प्लान कर रहें हैं. तो इन बातों का विशेष ख्याल रखें. दरअसल छत्तीसगढ़ के पुरातत्व ( Archeology of Chhattisgarh ) स्थल आन, बान, शान हैं.नए साल पर पुरातत्व स्थलों का रखें ध्यान  पुरानी दीवारों पर कुछ भी न लिखें.

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New Year 2023: रायपुर अगर आप नए साल पर ऐतिहासिक जगहों पर घूमने जा रहे हैं तो अपने देश के ऐतिहासिक महत्व से छेड़छाड़ न करें.उस जगह के इतिहास के बारे में जानकर अपना ज्ञान बढ़ाएं.अपने बच्चों को देश की विरासत की रक्षा करना सिखाएं. किसी भी तरह से धरोहर को नुकसान न पहुंचाएं. साथ ही ऐतिहासिक स्थलों पर गंदगी न फैलाएं, उन्हें साफ-सुथरा रखें, ताकि दूसरे राज्यों के पर्यटक हमारी विरासत को आमने-सामने देख सकें.विरासत से छेड़छाड़ करते पाए जाने पर आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है और कारावास या जुर्माना लगाया जा सकता है. यह कहना है संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सहायक निदेशक एवं महंत घासीदास संग्रहालय के अध्यक्ष प्रतापचंद्र पारख का.

देश का नौवां प्रसिद्ध संग्रहालय

बता दें कि नईदुनिया से खास बातचीत में संग्रहालय अध्यक्ष पारख ने कहा कि रायपुर संग्रहालय देश का नौवां प्रसिद्ध और सबसे पुराना संग्रहालय है. संग्रहालय में प्राचीन मूर्तियां, शिलालेख, सिक्के, शस्त्र सहित ऐतिहासिक महत्व की अनेक वस्तुएं हैं, जिनसे आम लोगों को छत्तीसगढ़ के प्राचीन गौरव, कला, संस्कृति की जानकारी मिलती है. संग्रहालय में कुछ भी छूने की मनाही है.

लक्ष्मण मंदिर, भोरमदेव मंदिर हमारी पहचान है

राजधानी के संग्रहालय में खुदाई में मिले सिक्के, मटके, मूर्तियाँ तो रखी ही जाती हैं साथ ही राज्य के प्रसिद्ध स्थानों की प्रतिकृतियां भी रखी जाती हैं.इन चित्रों को देखकर लोग इन स्थानों को करीब से देख सकते हैं और राज्य के प्राचीन गौरव को महसूस कर सकते हैं. ऐसे स्थानों में सिरपुर में ईंट का लक्ष्मण मंदिर, कवर्धा में भोरमदेव मंदिर, बस्तर में दंतेश्वरी मंदिर, रतनपुर में महामाया मंदिर, रायपुर में ऐतिहासिक दूधाधारी मठ सहित कई पर्यटन स्थल हैं, जहां बौद्ध स्थल, जैन धर्म के तीर्थंकरों की मूर्तियां भी हैं. वहाँ हैं  जब भी आप इन जगहों पर जाएं तो उन धरोहरों को दूर से ही देखें, किसी तरह का नुकसान न पहुंचाएं. New Year 2023

भारत में कई प्रकार के प्राचीन मंदिर है लेकिन छत्तीसगढ़ का लक्ष्मण मंदिर जैसा मंदिर नही है.यह सिरपुर में स्थित है भारत के प्रसिद्ध पुरातात्विक यात्री और शोधकर्ता छत्तीसगढ़ ( Researcher Chhattisgarh ) के ही निवाशी रमेश कुमार वर्मा ने सिरपुर पर कई लेख लिखे है. जिसमें उन्होंने सिरपुर को छत्तीसगढ़ का पुरातात्विक राजा के नाम से संबोधित किया है सिरपुर छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर से कुछ दूरी पर स्थित महासमुंद जिले में है.लक्ष्मण मंदिर प्रेम की निशानी भी है यह काफी प्राचीन है, जितना की ताजमहल भी नही. यह मंदिर सोमवंश काल में निर्मित हुवा था और ईशान नामक व्यक्ति ने उस काल में इसकी आधार संरचना रखी थी. यदि छत्तीसगढ़ के सिरपुर में मंदिरों और पुरातात्विक स्थलो का भ्रमण नही किया जाता है तो यह छत्तीसगढ़ की यात्रा को अधुरा कर देता है. इसलिए छत्तीसगढ़ के सिरपुर का भ्रमण जरुर करना चाहिये.

हमारी आन, बान, शान है विरासत

छत्तीसगढ़ के पुरातत्व स्थल हमारी आन, बान, शान हैं.नए साल पर अपने बच्चों को पुरातत्व स्थलों पर ले जाएं लेकिन उनकी सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें और उन्हें भी जागरूक करें.

ऐतिहासिक स्थलों पर सावधान रहें

 – पुरानी दीवारों पर कुछ भी न लिखें।

 – पानी की बोतल, पाउच, खाने के सामान के पैकेट न फेंके।

 – मूर्तियों के ऊपर न चढ़ें, उनके पास खड़े भी न हों।

 – मूर्तियों को खरोंचें या तोड़ें नहीं।

 – लावारिस सामान मिलने पर कर्मचारियों को सूचित करें।

 – वाहनों को सही जगह पार्क करें।

यह नियम है

पुरातत्व स्थल ( archaeological site ) एवं अवशेष अधिनियम 1958 एवं संशोधित अधिनियम 2010 ( Amended Act 2010 ) के अनुसार ऐतिहासिक भवनों, मूर्तियों, अवशेषों को क्षति पहुँचाने ( damage to remains ) पर दो वर्ष, एक वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है. New Year 2023

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