Friday, March 29, 2024
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NCL के प्रबंध नीति से आश्रित श्रमिक का जीना हुआ मुश्किल संविदाकारों ने प्रबंधन पर लगाया उपेक्षा का आरोप,पनप रहा आक्रोश

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NCL:सिंगरौली। भारत की मिनी रत्न कंपनी एनसीएल में अब उपेक्षा करने के आरोप लगने शुरू हो गए हैं.एनसीएल के प्रबंध नीति (Management Policy of NCL) से आश्रित श्रमिक बेरोजगारी के कगार पर पहुंच गए हैं। वर्षो से संविदा पर कार्य कर रहे संविदाकारो ने कंपनी की तानाशाही व चहेतों को लाभ देने का आरोप लगाना शुरू कर दिए हैं। ऐसे में प्रबंधन के खिलाफ (against management) संविदाकारों का आक्रोश पनपने लगा है.

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इधर बता दें कि एनसीएल सिंगरौली(NCL Singrauli) में लाखों लोग रोजी रोटी के सहारे के लिए एनसीएल को सेवा दे रहे हैं। लेकिन एनसीएल में अब ऐसा कुछ नही रह गया है। एनसीएल के कई ऐसे विभाग हैं,जहां करोड़ो अरबो रुपए की हेरोफेरी की जा रही है। सबसे ज्यादा सिविल व इलेक्ट्रिकल,मकैनिकल(Electrical, mechanical) व खनन से जुड़े कई करोड़ो अरबो रुपए के काम होते हैं। इन कामों में स्थानीय लोगो से लेकर विस्थापितों को रोजगार(employment) मिलता था.

इन्ही कामों से दो पैसे कमाकर अपना परिवार का भरण पोषण करते थे लेकिन एनसीएल अब इन छोटे संविदाकारों को पूरी तरह से खत्म करने का मन बना लिया है। एनसीएल के बड़े आलाधिकारी अपने सुविधानुसार(As per convenience) नई नीतियां बनाकर अब बड़े कारोबारियों(business people) के लिए काम करने के नई नीतियां बनाई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एनसीएल अधिकारियों ने अपने उद्योगपतियों(Industrialists) मित्रों को फायदा पहुुंचाने के लिए होने वाले कामों के लिए ऐसे कड़े काइटेरिया बना दिए हैं.जो छोटे संविदाकारों इन काइटेरिया(Kytheria को पूरा नही कर पा रहे हैं. ऐसे में वह एनसीएल द्वारा निकाले गए टेण्डरों में पार्टीसिपेट करने के लिए जो नियम बनाए गए हैं. वह उसको पूरा नही कर पाते हैं. ऐसे में वह निकाले गए टेण्डरों में पार्टीसिपेट ही नही कर पाते। इन सभी टेण्डरों में जो बड़े कांटे्रक्टर हैं वही पार्टीसिपेट कर पाते हैं.ncl


प्रबंधन के चहेते संविदाकारों को मिलता है लाभ-शर्मा
बिल्डर्स एसोशिएशन सिंगरौली के अध्यक्ष अशोक शर्मा ने जारी पत्र में आरोप लगाते हुए कहा है कि एनसीएल प्रबंधन के द्वारा चहेते संविदाकारों को कार्य आवंटित किया जाता है. मौजूदा प्रबंधन(Current management) द्वारा कई एक कार्यो को जोडक़र एक कर दिया जा रहा है. जिससे छोटे संविदाकार(the contractor) एवं उनके श्रमिक बेरोजगारी के कगार पर आ गए हैं. एनसीएल में 30 वर्षो से कार्यरत संविदाकार एवं उनके आश्रित श्रमिक एनसीएल(Dependent Workers Ncl) के प्रबंधन नीति से बेरोजगारी के कगार पर आ चुके हैं. इसके बावजूद एनसीएल प्रबंधन कुम्भकरणीय(NCL management is curable) निद्रा में सो रहा है.ncl

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