पार्षद व रहवासियों ने ननि मोरवा उप कार्यालय में जड़ा ताला,सामुदायिक भवन की बढ़ी दरों का मामला,आयुक्त के आश्वासन के बाद मामला हुआ शांत,मेयर रानी अग्रवाल बनी अंजान,6 सितम्बर को परिषद् की विशेष बैठक में उठा था सामुदायिक भवनों के किराये का मुद्दा
सिंगरौली 15 नवम्बर। नगरीय क्षेत्र के सामुदायिक भवनों का किराया बढ़ाये जाने पर सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह में आयोजित बैठक में भी पार्षदों ने जमकर विरोध किया था।
छ: नवम्बर को नवभारत ने मोरवा जोन के सामुदायिक भवन की अव्यवस्थाओं व किराये को लेकर प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित कर मेयर, स्पीकर एवं निगमायुक्त का ध्यान आकृष्ट कराया था कि आज मंगलवार को ननि मोरवा जोन के उप कार्यालय भाजपाई पदाधिकारी व पार्षद एवं आम नागरिक सामुदायिक भवन पहुंच ताला जड़ते हुए धरने पर बैठ गये। उनका आरोप था कि षड्यंत्र रचकर सामुदायिक भवनों को निजी हाथों में सौंप दिया गया है। जहां निजी ठेकेदारों और समितियों द्वारा अब 3 से 5 हजार रूपये के बदले अब 25 से 50 हजार तक की वसूली की जा रही है।
गौरतलब है कि शासन द्वारा सामुदायिक भवनों का निर्माण आम जनमानस को राहत प्रदान करते हुए मांगलिक कार्यक्रम करने के लिए बनाया गया था, परंतु इसे भी गड़बड़झाला माना जाने लगा। सामुदायिक भवन को निजी हाथों एवं समितियों को सौंपे जाने और वहां पर व्याप्त अव्यवस्थाओं, गंदगी, कई गुना बढ़े किराया को लेकर ननि के उप कार्यालय को मंगलवार की सुबह भाजपा जिला उपाध्यक्ष प्रवीण तिवारी, पार्षद परमेश्वर पटेल, समाजसेवी सिल्लू गुप्ता, राकेश तिवारी समेत सैकड़ों की तादाद में लोग नगर निगम उपकार्यालय मोरवा में ताला जड़ते हुए धरने पर बैठ गए।
इसकी खबर मिलते ही ननि अधिकारियों में हड़कम्प मच गया। मामला बिगड़ता देख नगर निगम आयुक्त पवन कुमार सिंह एवं अध्यक्ष देवेश पांडेय समेत निगम के आला अधिकारी मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाने में जुटे रहे। मान मनोबल के लंबे दौर के बाद लोगों को आयुक्त ने आश्वस्त किया कि नगर निगम परिषद की अगली बैठक में प्रस्ताव लाकर इस व्यवस्था को निरस्त कर दिया जाएगा। जिसके बाद सभी ने धरना समाप्त किया।
ज्ञात हो कि इस मुद्दे को नवभारत ने 6 नवम्बर को खबरों के माध्यम से जोर शोर से उठाया था। मोरवा वार्ड क्र. 9 स्थित सामुदायिक भवनों को चलाने का कार्य केशव उद्यान मोहल्ला समिति को सौंपा गया था। जानकारी के अनुसार व्यवस्था लागू की गई थी क्योंकि इससे होने वाली आमदनी का 10 प्रतिशत नगर निगम को जाएगा एवं देख-रेख के साथ पूरा कार्यभार समिति करेगी। परंतु समिति ने निगम की व्यवस्था को हासिए पर रखते हुए लोगों से 10 गुना ज्यादा शुल्क वसूल करना शुरू कर दिया। जिससे आम जनमानस को तो तकलीफ पहुंची रही थी। इसके साथ ही शासन द्वारा बनाए गए इस सामुदायिक भवनों का उद्देश्य समाप्त होता दिख रहा था।
आयुक्त ने कहा इलेक्ट्रिशियन को जारी करो नोटिस
मोरवा पहुंचे आयुक्त पवन कुमार सिंह के सामने लोगों ने अपनी अन्य समस्याएं भी बताई। नगर निगम क्षेत्र में निगम द्वारा उपलब्ध कराई गई स्ट्रीट लाइट एवं बिजली की समस्या सर्वाधिक रही। लोगों का आरोप था कि इलेक्ट्रिशियन विनोद पांडेय द्वारा शिकायतों का निराकरण नहीं किया जा रहा है। इसे देखते हुए निगमायुक्त का पारा चढ़ गया। उन्होंने तत्काल विनोद पांडेय को फटकार लगाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए निर्देश देते हुए कहा है कि यदि संतुष्ट भरा जबाव नहीं रहा तो कार्रवाई की जायेगी।
परिषद् में उठा था मुद्दा,मेयर अंजान
6 सितम्बर को नगर पालिक निगम सिंगरौली परिषद् की विशेष बैठक आयोजित की गयी थी। बैठक के दौरान पार्षद परमेश्वर पटेल सहित कई अन्य पार्षदों ने सामुदायिक भवनों के बढ़े अचानक किराया पर घोर आपत्ति जताते हुए रेट निर्धारण कम किये जाने की मांग उठायी गयी थी। इस दौरान आश्वस्त किया गया था कि सामुदायिक भवनों का किराया कम किया जायेगा। ताकि गरीब तबके के लोग भी धार्मिक अनुष्ठान, सामाजिक कार्य, शादी विवाद व अन्य मांगलिक कार्य कर सकें। इस दौरान मेयर भी मौजूद थीं। लेकिन आज उन्होंने सोशल मीडिया में सामुदायिक भवनों के किराया के संबंध में अनभिज्ञ बनते हुए कहा कि इसकी जानकारी पहले नहीं थी आज हुई है। सामुदायिक भवन का किराया हर हाल में कम कराया जायेगा। मेयर रानी अग्रवाल का झूठ भी आज सामने आ गया। परिषद् की बैठक में मौजूद होने के बावजूद आज उन्होंने इस मामले में सरासर झूठ बोल दिया। जिसको लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं जारी हैं।