MP : बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि रीवा के राजा शिकार पर हमारे समाज के लोगों को लेकर जाते थे और खुद शिकार नहीं कर पाते थे मंत्री जी यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि राजा दारू पीकर पड़े रहते थे और हमसे शेर का शिकार करवाते थे.मंत्री ने कहा हमारे नाम के आगे सिंह कैसे लगा? हमारे रीवा पर एक ज़माने में बहुत से शेर हुआ करते थे। रीवा के राजा तब शेर का शिकार करते थे।
मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह अपने बयानों के चलते हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। एक बार फिर से उन्होंने रीवा राजघराने को लेकर विवादित बयान दिया है। दरअसल एक कार्यक्रम के दौरान वो अपने नाम के आगे लगे सिंह की व्याख्या कर रहे थे और इस दौरान उन्होंने कह दिया कि हमारे रीवा के राजा दारू पीकर पड़े रहते थे और हम लोग शिकार करते थे। इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

बता दें कि रतलाम के एक ग्राम पंचायत में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा- हमारे नाम के आगे सिंह कैसे लगा? हमारे रीवा संभाग में जहां से नर्मदा नदी निकली है, वहां पर एक ज़माने में बहुत से शेर हुआ करते थे। रीवा के राजा तब शेर का शिकार करते थे। वो शिकार तो कर नहीं पाते थे, तो हमारे समाज के लोगों को लेके जाते थे और बन्दूक दे देते थे। फिर जब हम शेर को मार देते थे, तो वो कहते थे कि वाह! शेर को हमने मारा है।
मंत्री जी ने अपने नाम के आगे सिंह की व्याख्या करते हुए आगे कहा कि इसी कारण हमें सिंह की उपाधि दे दी गई और नाम के आगे सिंह लगने लगा। राजा मंच पर दारू पीकर पड़े रहते थे और हम लोगों को लगा देते थे कि जाओ शेर मारो। जब हम लोग शेर को मार देते थे तो कहते थे तुम लोग जाओ, शेर हमने मारा है। इसलिए शेर का शिकार करने के कारण हम लोगों के नाम के आगे साहू की जगह सिंह लगाया जाने लगा।
जानकारी के अनुसार इससे पहले नवंबर महीने में एक कार्यक्रम के दौरान मंत्री बिसाहूलाल ने सवर्ण महिलाओं को लेकर विवादित बयान दिया था। सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा था कि ठाकुरों की महिलाओं को पकड़कर घर से निकालकर समाज के साथ काम कराओ, तभी समानता आएगी.
बिसाहूलाल ने कहा था कि समाज में समानता लाना है तो उच्च जाति की महिलाओं को पकड़ कर बाहर निकालो। गांव की महिलाएं धान काटती हैं, गोबर लिपती हैं, अन्य काम करती हैं। सब बड़े घर की महिलाएं भी करें तभी सभी समानता आएगी। हम यह केवल भाषण में न बोले बल्कि अपने घर में भी अमल करें। घर की महिलाओं को आगे बढ़ने दें. हालांकि विरोध बढ़ता देख मंत्री बिसाहूलाल ने अपने इस बयान पर माफी मांग ली थी तब कहीं जाकर यह पूरा मामला शांत हुआ था.