Mp news: तीरथ सिंह रावत (tirath singh rawat) इस समय पौड़ी(paudi) से बीजेपी सांसद हैं. उन्होंने कहा था कि ‘मैं भले ही एक मुख्यमंत्री (mukhyamantri) रहा हूं और शायद यह नहीं कहना चाहिए, मुझे यह स्वीकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि जब हम उत्तर प्रदेश से अलग हुए थे तो वहां सार्वजनिक कार्यों को करने के लिए 20 प्रतिशत तक कमीशन (commission) दिया जाता था.
ऐसा ही हाल भाजपा के शिवराज कार्य कार्यकाल में दफ्तरों में चल रहा है यह हर काम में कमीशन दिया जाता है राजस्व विभाग (rajasv vibhaag) में तो खुलेआम पिछले दिनों सिंगरौली के देवसर ब्लाक में एक जमीनी मामले लंबे अंतराल के बाद खूनी संघर्ष में तब्दील हुआ था.
Mp news: सिंगरौली। राजस्व के मामलों को लेकर अभी हाल ही में देवसर में खूनी संघर्ष का खेल खेला गया था। यह खुनी संघर्ष के खेल में जो आरोपी बने हैं वहीं जिम्मेदार नही है। सबसे बड़ी जिम्मेदारी राजस्व के अधिकारियों की है। अगर राजस्व के अधिकारियों ने जमीन के मामले में हिलाहवाली न की होती तो आज लोग जेल नही जाते और किसी की मौत न होती। इस वानिकी को देखना है तो सोशल मीडिया पर शहरी तहसीलदार व एक अधिवक्ता के हाकटॉक का विडियो वायरल हो रहा है। जिसमें अधिवक्ता ने आरोप लगा रहा है कि शहरी तहसीदार जब तक 5 हजार रुपए नही लेते तब तक राजस्व की फाइल पर साइन नही होता है.
अगर इसी तरह के राजस्व अधिकारियों जिले को मिलेंगे तो हर रोज और हर माह लोग लहू की होली खेलेंगे। इस विडियो में कितनी सच्चाई है नही पता लेकिन देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं न कहीं राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार का खुलेआम बोलबाला मचा हुआ है। ऐसे ही अधिकारी के कारण जमीनी विवाद होता है और घटनाएं होती हैं.
सोशल मीडिया पर एक विडियो बड़े तेजी से वायरल हो रहा है और इसके कॉमेन्ट और लाइक की झड़ी लग रही है। यह विडियो सिंगरौली के शहरी तहसील कार्यालय का है। और पूरा विडियो तहसीलदार शहरी रमेश कोल के चेम्बर में बनाया गया है। जहां पर एक अधिवक्ता कह रहा है कि जमीन के अगर किसी दस्तावेज में साइन करवाना हो या फिर काम करवाना हो तो तहसीलदार के द्वारा एक चिट लिखी जाती है जिसमें 5 हजार रुपए की मांग होती है। अधिवक्ता के इस हाकटॉक को किसी ने अपने मोबाइल में कैद करते हुए विडियो बना लिया। यहां तक कि इस कहासुनी का विडियो तहसीलदार रमेश कोल के द्वारा भी बनाया जा रहा है। ऐसा सोशल मीडिया में वायरल हो रहा विडियो में दिख रहा है। इस विडियो की पुष्टि तो हम नही करते लेकिन सोशल मिडिया प्लेटफार्म पर यह विडियो धूम मचा रहा है. Mp news
कई प्रकरणों में तहसीलदार का आ चुका है नाम
सिंगरौली के शहरी तहसील में पदस्थ तहसीलदार रमेश कोल का नाम काफी चर्चाओं में आ चुके हैं। पहले भी इनके नाम को लेकर काफी चर्चाएं सुनने मिल रही थी। फिर एक बार सुर्खियों में आ गए हैंं। राजस्व विभाग में खुलेआम रिश्वत का खेल चल रहा है। तभी तो आए दिन लोकायुक्त के मामले सामने आते दिखाई देते हैं। इसके बावजूद ऐसे भ्रष्ट्र अधिकारियों पर गाज क्यों नही गिरती। रही बात शहरी तहसील की तो यहां अधिकारी ही नही बल्कि लिपिक से लेकर चपरासी तक पैसे की मांग करते हैं. Mp news
नवागत कलेक्टर कस पाएंगे शिकंजा
जिला मुख्यालय में कई ऐसे विभाग हैं जो पूरी तरीके से बेलगाम हो चुके हैं। जनता का काम बिना कमीशन के नही होता है। जनता ऐसे अधिकारियोंं से त्रस्त हो चुकी है। लेकिन जनता की गाढ़ी कमाई को ऐसे अधिकारी चूस रहे है। जिले भर में खुलेआम अधिकारियों के इस कृत्यों के चलते कहीं न कहीं प्रशासनिक अधिकारियों के छवि पर गहरा असर पड़ रहा है। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर क्या नवागत कलेक्टर शिकंजा कस पाएंगे या फिर यही रवैया रहेगा. Mp news
इनका कहना है
मै तो किसी से पैसा नही लिया हूं. अगर अधिवक्ता आरोप लगा रहे हैं तो पैसा देने का प्रुफ दिखाएं। आरोप तो ऐसे कोई लगा सकता है. Mp news
रमेश कोल
तहसीलदार,तहसील सिंगरौली(शहर)