Missionary School Raid : बाल आयोग की टीम ने ग्वालियर के डबरा इलाके के ईसाई मिशनरी के संचालित स्कूल पर छापा मारा है.इस तरह की अनियमितता और धर्मांतरण का मामला अगर चल रहा था तो प्रशासन क्या कुंभकरण की नींद में सोया हुआ था। वहीं शिक्षा विभाग के साथ-साथ ग्वालियर जिले का प्रशासन भी इस घटना के लिए कितना जिम्मेदार है, इसकी जवाबदेही कौन तय करेगा।
Missionary School Raid : बाल आयोग और बाल संरक्षण आयोग की ईसाई मिशनरी से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों पर लगातार छापामार कार्यवाही जारी है. मुरैना के स्कूल को सील करवाने के बाद अब आयोग की सदस्य के साथ टीम ने ग्वालियर जिले के डबरा पहुंचकर वहां सिमरिया टेकरी स्थित सेंट पीटर्स स्कूल पर औचक छापा मारा है। राज्य महिला आयोग के दो सदस्यों के द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान सेंट पीटर स्कूल बिना मान्यता के चलना हुआ पाया गया है। इसके साथ ही इस विद्यालय का भवन भी एक पहाड़ को काटकर बिना किसी अनुमति के कर लिया गया है। वहीं बाल आयोग को इस स्कूल में धर्मांतरण के पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं।
सोमवार को राज्य महिला आयोग की दो सदस्य निवेदिता शर्मा चतुर्वेदी और ओंकार सिंह ने डबरा स्थित सेंट पीटर्स स्कूल का दौरा किया. इस स्कूल में करीब 1300 छात्र पढ़ते हैं। स्कूल का दावा है कि उसे आईसीएससी(ICSC) से मान्यता प्राप्त है और इसी के आधार पर बच्चों का दाखिला होता है। स्कूल का सालाना कारोबार करीब 4 करोड़ रुपये बताया जाता है। हालांकि, जब बाल आयोग के सदस्यों ने स्कूल की मान्यता से संबंधित दस्तावेज मांगे, तो कोई दस्तावेज पेश नहीं किया जा सका.
2017 में सेंट पीटर स्कूल की मान्यता समाप्त
Missionary School Raid: बताया जाता है कि 1997 में स्थापित यह स्कूल 2007 तक एमपी बोर्ड (MP BORD) के अधीन चल रहा था और इसके बाद इसे आईसीएससी से मान्यता मिली. आईसीएससी किसी भी स्कूल को 10 साल के लिए मान्यता देता है यानी 2017 में सेंट पीटर्स स्कूल की मान्यता समाप्त हो गई। लेकिन उसके बाद स्कूल प्रबंधन किसी भी तरह की मान्यता प्राप्त करने का कोई दस्तावेज नहीं दिखा सका। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का भी कहना है कि वे स्कूलों की मान्यता को लेकर लगातार नोटिस जारी कर रहे हैं लेकिन उन्हें स्वीकार नहीं किया जा रहा है. इसके बाद स्कूल भवन बनाने की बारी आई। जिस स्थान पर यह स्कूल स्थित है, उसे सिमरिया टेकरी के नाम से जाना जाता है और मुरम में एक उल्लेखनीय पहाड़ी थी।Missionary School Raid:
स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं
यह भी पता चला है कि इस स्कूल में आकर धर्म परिवर्तन करने वाले छात्रों की फीस माफ कर दी गई है। आमतौर पर चर्च में रहने वाले दो भिक्षु स्कूल के रिहायशी इलाके में पाए गए। वहां एक चर्च भी मिला था। उस स्कूल के प्रिंसिपल(prinsipal) रेप केस में आरोपी थे। हालांकि उनका कहना है कि अब वह इस मामले में बरी हो चुके हैं। लेकिन वह संबंधित दस्तावेज नहीं दिखा सके। इतना ही नहीं स्कूल के किसी भी स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं मिला।
डबरा के एसडीएम ने इस स्कूल को कर दिया सील
फिलहाल बाल आयोग के सदस्यों के सख्त रवैये के चलते डबरा के एसडीएम ने इस स्कूल को सील कर दिया है, लेकिन अब सवाल यह है कि अगर इतनी अनियमितताएं और धर्मांतरण का सिलसिला सालों से चल रहा है तो क्या किया जा सकता है? क्या प्रशासन कुम्भकर्ण की नींद में सो गया है और सवाल यह है कि क्या इस घटना के लिए शिक्षा विभाग के साथ-साथ ग्वालियर जिला प्रशासन भी जिम्मेदार है, जवाबदेही कौन तय करेगा.