Menstrual Cycle: मनुष्य नियमों से घिरा हुआ है. चीजों से जुड़ा लगभग हर नियम पृथ्वी पर मौजूद ( rules exist on earth ) है. आपने अलग-अलग धर्मों से जुड़ी कई बातें सुनी होंगी. बात अगर हिन्दू धर्म की ( If Hindu religion ) करें तो इस धर्म को मानने वाले करोड़ों लोग एक बात का ध्यान रखते हैं कि महिलाओं को मासिक धर्म ( to menstruate ) के दौरान मंदिर नहीं जाना चाहिए. मासिक धर्म या पीरियड्स ( menstruation or periods ) को लेकर कई वर्जनाएं और नियम हैं, लेकिन महिलाओं को मंदिरों ( But women in temples ) में प्रवेश नहीं करने का नियम शायद उनमें सबसे बड़ा है.
क्या आपने कभी यह सोचने की कोशिश की है कि असल वजह क्या है? एक तरफ तो हम मासिक चक्र की बात करते हैं और मासिक धर्म को शारीरिक गतिविधि समझा जाता है, लेकिन मंदिरों में इसे नहीं समझा जाता. आइए आज इसके बारे में विस्तार से बात करने की कोशिश करते हैं. Menstrual Cycle
क्या अशुद्ध समझा जाता है पीरियड को?

पीरियड्स से जुड़ी सबसे बड़ी वर्जनाओं में से एक यह है कि इसे अशुद्ध माना जाता है. ऐसा नहीं है, अगर कामाख्या मंदिर की बात करें तो वहां पीरियड्स की पूजा की जाती है. किसी भी हिन्दू काव्य में इसकी अशुद्धता की जानकारी नहीं है. आमतौर पर अगर आप देश के ग्रामीण इलाकों में हैं तो वहां भी इसे अपवित्र नहीं माना जाता है, लेकिन एक आम धारणा है कि शास्त्रों में लिखा है कि इस दौरान महिलाएं अपवित्र होती हैं. वैसे तो मुझे नहीं पता कि यह कहाँ लिखा है और ऐसी धारणा कैसे बनी, लेकिन आज हम न तो शास्त्रों की बात कर रहे हैं और न ही धर्म की. Menstrual Cycle
आज हम बात कर रहे हैं कि महिलाओं को पीरियड्स के दौरान कुछ खास काम करने से क्यों मना किया जाता है और इसके पीछे वैज्ञानिक कारण क्या हैं.
इसका क्या कारण रह सकता है?

यह बिल्कुल सच है कि हिंदू धर्म महिलाओं को पीरियड्स के दौरान मंदिरों और पूजा घरों में जाने से रोकता है. इसके अलावा उन्हें कई जगहों पर रोका जाता है जैसे किचन और कई जगह. अचार और बड़ी जैसी चीजों को छूना मना होता है. इसे कई लोग पिछड़ी सोच मानते हैं और अगर कोई यह ज्ञान दे रहा है कि इस समय महिलाएं अशुद्ध होती हैं तो यह पिछड़ी सोच है. अगर इसके वैज्ञानिक कारण की बात करें तो पीरियड्स के दौरान शरीर से अलग-अलग हार्मोन निकलते हैं जिससे महिलाएं चिड़चिड़ी हो जाती हैं और एक तरह की नकारात्मकता आ जाती है.
प्रार्थना को हमेशा सकारात्मक माना जाता है और शायद यही कारण है कि पीरियड्स के दौरान मंदिरों में जाने की मनाही होती है. ऐसे में देखा जाए तो पुराने जमाने में नदियों और तालाबों में नहाना आम बात थी और कई महिलाएं पीरियड्स के दौरान इससे बचती थीं. शायद यही वजह है कि मंदिर में जाने की मनाही है.
अगर आप इसका वैज्ञानिक कारण जानना चाहेंगे तो आपको इसके अलावा और कोई नहीं मिलेगा. यह शायद प्राचीन काल में पीएमएस और स्नान और स्वच्छता की समस्याओं के कारण महिलाओं के लिए किया गया था.
अभी भी कई माहवारी वर्जनाएं हैं

मंदिर में जाने की मनाही क्यों है इसके कारण तो हम पहले ही बता चुके हैं, लेकिन अगर मासिक धर्म की बात करें तो यह भी कम नहीं है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि झारखंड, बिहार, यूपी के कई इलाकों में ऐसा माना जाता है अभी भी कई माहवारी वर्जनाएं हैं.
मंदिर में जाने की मनाही क्यों है इसके कारण तो हम पहले ही बता चुके हैं, लेकिन अगर मासिक धर्म की बात करें तो यह भी कम नहीं है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि झारखंड, बिहार, यूपी के कई इलाकों में ऐसा माना जाता है कि काला जादू करने के लिए पीरियड ब्लड का इस्तेमाल किया जा सकता है. मणिपुर और आस-पास के इलाकों में आज भी लड़कियों के कपड़े ही मिलते हैं.अक्सर यह गांव देहात में देखा जाता है.
जहां एक ओर हम मासिक धर्म और स्वच्छता की बात करते हुए भारत को आगे बढ़ा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मासिक धर्म को लेकर आज भी ऐसी बातें सोची जाती हैं।
मासिक धर्म की मिथक और ऐसी सोच को तोड़ना बहुत जरूरी है. पीरियड्स के दौरान महिलाएं अशुद्ध नहीं होती हैं. कुछ देर के लिए सोचें कि इस दौरान उसे आपकी जरूरत पड़ सकती है. आप इस मामले के बारे में क्या सोचते हैं? लेख के नीचे कमेंट बॉक्स में हमें बताएं. अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर करें. इसी तरह की अन्य कहानियां पढ़ें
