Singrauli news: सीएम शिवराज सिंह चौहान भले ही दावा करते हैं कि प्रदेश में भ्रष्टाचार कम हुआ है लेकिन सिंगरौली जिले में उनके दावों की जमकर फजीहत हो रही है यहां अधिकारी बिना पैसे लिए एक भी फाइल पर कोई काम नहीं करते कमीशन नहीं मिलने पर वह एमबी ही गायब करा देते हैं हालांकि जैसे कमीशन या फिर बड़े अधिकारियों के निर्देश मिलते हैं तो एमबी तुरंत मिल जाती है.
Singrauli news:सिंगरौली 6 दिसम्बर। नगर पालिक निगम सिंगरौली के कई शाखाओं में एमबी के छुपाने का खेल अनवरत चल रहा है। इसमें कई लिपिक शामिल हैं। सुविधा शुल्क वसूलने के चक्कर में इस तरह का खेल खेला जा रहा है। जिसको लेकर संविदाकारों ने निगमायुक्त का ध्यान आकृष्ट कराया है। कहा यह भी जा रहा है कि आप जब पानी सर से ऊपर हो रहा है तो संविदा कार लिपिकों के भ्रष्टाचार की शिकायत लोकायुक्त से कर सकते हैं.
कांग्रेस पार्टी के नेता राघवेन्द्र सिंह भोले ने बताया कि ननि के दफ्तरों में भर्रेशाही का आलम है। सिविल, इलेक्ट्रिकल सहित अन्य शाखाओं में लिपिक हावी हैं। कई लिपिकों के यहां से मैनेजमेंट बुक कई महीने तक गायब रहती हैं। काफी तलाश एवं शोर-शराबा शिकायते करने के बाद ही मिल पाती हैं और यह सब कुछ सुविधा शुल्क वसूलने के लिए खेल खेला जाता है। उन्होंने आगे आरोप लगाया है कि कई लिपिक मनमानी तौर पर संविदाकारों को सुनियोजित तरीके से परेशान करते हैं और जब तक नजराना नहीं मिल जाता तब तक एमबी को ढूढते रह जायेंगे फिर भी पता नहीं चल पाता। एमबी को तलाशने में कई महीने का वक्त गुजर जाता है। जब बड़े अधिकारी हस्तक्षेप कर लिपिक को तलब कर डांट-फटकार लगाते हैें तब कहीं जल्दी से एमबी मिल जाती है।Singrauli news
संविदाकार स्वयं अपने दम पर एमबी की तलाश नहीं करा पाता। उन्होंने आगे आरोप लगाया है कि कई लिपिकों की तानाशाही पूर्ण रवैया से संविदाकार त्रस्त हो चुके हैं। उनका एक ओर जहां आर्थिक नुकसान हो रहा है वहीं दूसरी ओर एमबी को तलाशने में अक्सर कई घण्टों का समय लग जाता है। कथित लिपिकों के इस कार्यप्रणाली से तंग संविदाकारों ने निगमायुक्त का ध्यान आकृष्ट कराते हुए लापरवाह लिपिकों के विरूद्ध कार्रवाई किये जाने की मांग की है।Singrauli news