Madhya Pradesh : Kejriwal and Owaisi ‘spoiled’ the BJP-Congress equation, the whole game changed in MP
Madhya Pradesh – आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव में जोरदार दस्तक दी है. पार्टी ने सिंगरौली में मेयर का चुनाव जीता है और सीधी सिंगरौली,रीवा समेत 40 वार्डों में पार्षद पद हासिल किया है, जो राज्य में तीसरी ताकत के उदय का संकेत है। जबकि वहीं असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने भी दस्तक दी है. Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)में शहरी निकाय चुनावों के बाद जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत का जश्न मना रही है, वहीं आम आदमी पार्टी (आप) के पास भी राज्य में खुश होने के कई कारण हैं। इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल Arvind Kejriwal की पार्टी ने जोरदार दस्तक दी है. जहां पार्टी ने (Singrauli Mayor )सिंगरौली में मेयर का चुनाव जीता है, जबकि 5 वार्ड पार्षदों ने चुनाव जीता है वहीं 40 वार्डों में पार्षद का पद हासिल किया है, जो राज्य में तीसरी ताकत के रूप में उभर रही है. पार्टी ने करीब 4 दर्जन सीटों पर दूसरा स्थान हासिल किया है. वहीं असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने भी दस्तक दी है. आप ने सिंगरौली में भाजपा कांग्रेस की जमीन खिसका दी है. Madhya Pradesh
17 जुलाई को पहले चरण की मतगणना में आप ने सबको चौंका दिया और सिंगरौली नगर निगम (Singrauli Nagar Nigam) में मेयर पद पर कब्जा जमा लिया. यहां पार्टी प्रत्याशी रानी अग्रवाल ने जीत हासिल की। 2 जुलाई को पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद(mukhymantri Arvind Kejriwal ) केजरीवाल Kejriwal ने खुद उनके लिए प्रचार किया था। पार्टी ने सिंगरौली में मेयर पद के अलावा 17 जिलों में जीत हासिल की। दूसरे चरण की मतगणना में आप ने 23 वार्डों में जीत हासिल की है। इस तरह महापौर (mahapaur .)के एक पद के अलावा 40 वार्डों में पार्टी की ‘स्वीप’ हो गई है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक मध्य प्रदेश में अब बीजेपी BJP और कांग्रेस Congress के लिए आप को नजरअंदाज करना सबसे बड़ी भूल रही है. सिंगरौली व ग्वालियर का उदाहरण देते हुए कहा जा रहा है कि पार्टी भले ही अगले विधानसभा चुनाव में सत्ता या विपक्ष को हथियाने की स्थिति में न हो, लेकिन कई सीटों पर खेल बिगाड़ सकती है. सिंगरौली विधानसभा सीट मैं आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर की पार्टी के रूप में उभरी थी. Madhya Pradesh
(एआईएमआईएम )AIMIM की एंट्री, 7 सीटों पर जीत
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी निकाय चुनाव के जरिए राज्य में अपना राजनीतिक सफर शुरू कर दिया है. पार्टी के 7 प्रत्याशी जीते हैं। पहले चरण की मतगणना में पार्टी के 4 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की, जबकि दूसरे चरण में ओवैसी ने खरगोन से जीत हासिल की. पार्टी ने खरगोन में 3 वार्ड जीते हैं, जिसे रामनवमी पर सांप्रदायिक तनाव का सामना करना पड़ा था। दिलचस्प बात यह है कि पार्टी की एक हिंदू उम्मीदवार अरुणा उपाध्याय ने भी जीत हासिल की है। ओवैसी को भले ही 7 सीटें मिली हैं लेकिन पार्टी अब आने वाले विधानसभा चुनाव में न केवल प्रत्याशी उतारेगी बल्कि प्रमुख पार्टियां भाजपा कांग्रेस की मुश्किलें भी बढ़ाएगी. Madhya Pradesh
17 जुलाई को पहले चरण की मतगणना में आप ने सबको चौंका दिया और सिंगरौली नगर निगम (Singrauli Nagar Nigam) में मेयर पद पर कब्जा जमा लिया. यहां पार्टी प्रत्याशी रानी अग्रवाल ने जीत हासिल की। 2 जुलाई को पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद(mukhymantri Arvind Kejriwal ) केजरीवाल Kejriwal ने खुद उनके लिए प्रचार किया था। पार्टी ने सिंगरौली में मेयर पद के अलावा 17 जिलों में जीत हासिल की। दूसरे चरण की मतगणना में आप ने 23 वार्डों में जीत हासिल की है। इस तरह महापौर (mahapaur .)के एक पद के अलावा 40 वार्डों में पार्टी की ‘स्वीप’ हो गई है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक मध्य प्रदेश में अब बीजेपी BJP और कांग्रेस Congress के लिए आप को नजरअंदाज करना सबसे बड़ी भूल रही है. सिंगरौली व ग्वालियर का उदाहरण देते हुए कहा जा रहा है कि पार्टी भले ही अगले विधानसभा चुनाव में सत्ता या विपक्ष को हथियाने की स्थिति में न हो, लेकिन कई सीटों पर खेल बिगाड़ सकती है. सिंगरौली विधानसभा सीट मैं आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर की पार्टी के रूप में उभरी थी. Madhya Pradesh
कांग्रेस की चिंता बढ़ाएंगे ओवैसी?
ओवैसी की एंट्री ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है. राज्य में मुसलमानों के वोटों पर अपना दावा ठोकने वाली पार्टी को अब AIMIM से भी लड़ना होगा. दरअसल कांग्रेस मुस्लिमों का अपना कैडर वोट बैक मानती है ऐसे में ए आई एम आई एम की बढ़ती लोकप्रियता से कांग्रेस को सीधे नुकसान होगा. बुरहानपुर में बीजेपी की जीत और कांग्रेस की हार में ओवैसी की पार्टी अहम है. इधर, ओवैसी की पार्टी को अच्छा समर्थन मिला और बीजेपी ने मामूली अंतर से जीत हासिल की. माना जा रहा है कि ओवैसी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की चिंता बढ़ा सकते हैं। यही वजह है कि पार्टी ने एआईएमआईएम को बीजेपी की बी टीम के तौर पर पेश करना शुरू कर दिया है. Madhya Pradesh
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