Friday, March 29, 2024
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kisan संघर्ष समिति ने 10 साल पुराने एक मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

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Kisan Sangharsh Samiti submitted a memorandum to the Chief Minister for a fair investigation of a 10-year-old case

kisan सिंगरौली / देवसर  — किसान संघर्ष समिति ने बीते दिन उपखंड अधिकारी देवसर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर 10 वर्ष पुराने बर्खास्त निर्दोष पटवारी हरिशंकर शुक्ला के मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग किया है। दरअसल तहसील उपखंड एवं जिले के संगठित गिरोह द्वारा पटवारी हरिशंकर शुक्ला को जानबूझकर सेवा से पृथक कराने के मामले ने अब तुल पकड़ लिया है।

kisan बता दें कि उक्त मामले में तत्कालीन हल्का पटवारी राजस्व निरीक्षक एवं तहसीलदार उपखंड अधिकारी एवं जिले के अधिकारी एवं कुछ विभागीय कर्मचारियों के द्वारा गलत आरोप लगाकर वर्ष 2010-11 में पटवारी को सेवा से पृथक किया गया है।जबकि पटवारी का ट्रांसफर रिलीव हो जाने के बाद योजनाबद्ध तरीके से अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा अपने आप को फंसाता देख पटवारी को अकारण फंसाकर गुनहगार आज भी मौज मस्ती में तल्लीन हैं। 10 वर्ष पूर्व उक्त मामले में जब नया मोड़ आया तो पता चला कि ग्राम कठदहा तत्कालीन तहसील देवसर के राजस्व खसरे में पदस्थापना के दौरान पटवारी के अभिरक्षा में रखे खसरे सुरक्षित थे,जिसको पटवारी द्वारा अभिलेखागार में जमा भी करा दिया गया था।इसके बावजूद भी मध्यप्रदेश शासन की भूमि के स्थान पर भूमि स्वामी स्वत्व खसरे में सफेद स्याही से मिटाकर पुनः मध्यप्रदेश शासन दर्ज कर झूठा आरोप लगाकर पटवारी को सेवा से पृथक कराया गया है।

सूत्रों से मिले साक्ष्य तो यह भी बताते हैं कि उस दरमियान उक्त अधिकारियों कर्मचारियों के द्वारा जिले के कलेक्टर कार्यालय में रखा राजस्व अभिलेख बंदोबस्त से पहले खतौनी 1958-59 एवं वर्ष 1981-82 से वर्ष 1984-86तक के राजस्व अभिलेखों में भी मध्यप्रदेश शासन की भूमि पर भूमि स्वामी लिखा गया है।इतना ही नहीं बल्कि उक्त अधिकारियों कर्मचारियों के द्वारा उपखंड कार्यालय देवसर में रखे कई विभिन्न राजस्व अभिलेखों में भी सफेद स्याही लगाकर विभिन्न फर्जी प्रविष्ठियां दर्ज कर कई अनैतिक लाभ लिया गया है। kisan

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photo by me

उक्त अधिकारियों कर्मचारियों के द्वारा ग्राम कठदहा तत्कालीन तहसील देवसर के राजस्व रिकॉर्ड के साथ कई विभिन्न ग्रामों की मध्यप्रदेश शासन स्वत्व की भूमियों को बगैर किसी आदेश हवाला के ही दर्ज कर दिया गया है।मजे की बात तो यह है कि उक्त मामले में संलिप्त अधिकारियों कर्मचारियों के द्वारा ग्राम कठदहा तत्कालीन तहसील देवसर में अपने साथियों के नाम करने के साथ ग्राम कारी कर्री के अपने परिवार जनों के नाम भी मध्यप्रदेश शासन की भूमि का भूमि स्वामी स्वत्व प्रदान किया गया है। यहां तक की संलिप्त उक्त मामले में अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा सफेद स्याही की प्रथा तहसील उपखंड एवं जिले के राजस्व अभिलेखों पर चलाकर कई ग्रामों की भूमि एवं विभिन्न आदेशों में सफेद स्याही का प्रयोग करते हुए कई नामों का फेर-बदल किया गया है। kisan

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वहीं किसान संघर्ष समिति ने बर्खास्त निर्दोष पटवारी को न्याय दिलाने की कमर कस ली है।वहीं संघ ने कि दो टूक शब्दों में कहा है कि अगर समय रहते उक्त बर्खास्त निर्दोष पटवारी के साथ न्यायोचित कार्यवाही नहीं की जाती तो संघ धरना प्रदर्शन सहित उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा।जिसकी तमाम जवाबदेही शासन और प्रशासन की होगी।kisan

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