Thursday, April 25, 2024
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Jyotiraditya scindia के मंत्रिमंडल से होगी छुट्टी, शिवराज बनेंगे केंद्र मंत्री, मोदी सरकार ने 1 दर्जन मंत्रियों को हटाए जाने की तैयारी

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Jyotiraditya scindia: 15 जनवरी के बाद में हो सकता है बड़ा फेरबदल मोदी मंत्रिमंडल ( Modi cabinet ) में विस्तार से ए.मपी बीजेपी नेताओं की धड़कने बढ़ी  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) केंद्रीय मंत्री मंत्रिमंडल का विस्तार करने का संकेत दे रहे हैं और केंद्रीय मंत्री के विस्तार करने और  मंत्रिमंडल का  यह विस्तार  प्रदेश की  नेताओं  की धड़कनें बढ़ा रहे

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Political news :  मोदी सरकार मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल करने की तैयारी कर रही है. जिसके बाद सांसद अब मंत्री बनने का सपना संजो रहे हैं माना जा रहा है कि 14 जनवरी के बाद खरमास समाप्त हो जायेंगा, उसके बाद मंत्रिमंडल में बदलाव होने की चर्चाएं तेज हो गई है . इसके साथ ही बीजेपी संगठन में भी बड़े बदलाव होने के भी आसार हैं. पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल भी 20 जनवरी को समाप्त हो रहा है.

बता दें कि 15 जनवरी के बाद मंत्रिमंडल में बदलाव के आसार हैं तो वही मोदी मंत्रिमंडल में विस्तार से एमपी बीजेपी नेताओं की भी धड़कन बढ़ गई है. मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट तेज होने के बाद सांसद रीति पाठक को भी मंत्रिमंडल में शामिल होने की भी चर्चाएं तेज है तो वही दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत एक दर्जन से ज्यादा केंद्रीय मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है. Jyotiraditya scindia

दावा किया जा रहा है कि मोदी केबिनेट में बड़ा बदलाव होने वाला है जिसमें एक दर्जन से ज्यादा  मंत्रियों को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी हो रही हैं.इससे पहले चर्चाएं थी कि मंत्रिमंडल का नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के होने वाले चुनाव के ठीक पहले करने की तैयारी कर रहे हैं.वहीं सूत्र बता रहे हैं कि ग्वालियर चंबल संभाग के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को कैबिनेट से बाहर किया जा सकता है जबकि सीएम शिवराज सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल करने की भी चर्चाएं तेज है. साथ ही सीधी-सिंगरौली सांसद रीति पाठक को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. वही मध्य प्रदेश के कई नेताओं को मंत्रिमंडलीय नेताओं की जगह दी जा सकती है. Jyotiraditya scindia

एमपी की सियासत में बवाल

मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर मध्य प्रदेश की सियासत में बवाल मचा हुआ है दावा यह किया जा रहा है कि सीएम शिवराज की कुर्सी भी खतरे में दिख रही है जिस तरह से बीजेपी के भीतर शिवराज सिंह के खिलाफ आवाज उठ रही है उससे एक बात साफ है कि भाजपा के भीतर सब कुछ सामान्य तो बिल्कुल नहीं है एमपी में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा कोई भी समझौता नहीं करेगी वह गुजरात की तर्ज पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है पार्टी की ओर से साफ संकेत मिल रहे हैं. ऐसे में विधानसभा चुनाव लड़ने जाने के बाद सीएम कौन होगा पार्टी हाईकमान तय करेगा.वहीं सीएम बदलने की सुगबुगाहट पहले से ही सुनाई दे रही है. Jyotiraditya scindia

मध्य प्रदेश में पूरे सरकार की सर्जरी करने की तैयारी चल रही है.सीएम के साथ पूरा मंत्रिमंडल बदलने की पूरी तैयारी चल रही है. एमपी में बदलाव करने के संकेत मिल रहे गुजरात में जब भूपेंद्र सिंह पटेल को सीएम बनाया गया  इस फैसले से सभी को चौंका दिया गया था  क्योंकि भूपेंद्र सिंह पटेल कभी किसी सरकार के मंत्री ने भी नहीं रहे थे. बाद में जब भूपेंद्र पटेल ने मंत्री मंडल बनाया. तब उसमें सारे पुराने मंत्रियों को हटा दिया गया. विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इसका फायदा मिला और पार्टी ने रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की. Also Read — Avneet Kaur – अवनीत कौर ने बिखेरा जलवा, लुक देखकर हुस्न के बन जायेंगे दीवाने 

अब मध्य प्रदेश में किसी बदलाव की तैयारी की जा रही है और दावा किया जा रहा है मध्य प्रदेश के सीएम केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. अब एमपी की कमान ज्योतिरादित्य सिंधिया सौंपी जा सकती है. बीजेपी में सिंधिया किसी भी गुट के नेता नहीं माने जाते. बीजेपी में वह लगभग 3 साल पहले ही आए हैं. उन पर किसी भी तरह का दाग नहीं है. दूसरा बड़ा कारण बताया जा रहा है कि 2018 का विधानसभा चुनाव जनता ने बदलाव के हक में वोट दिया था. क्योंकि शिवराज सिंह चौहान लंबे समय तक सीएम रहे हैं. जनता बदलाव देखना चाहती है.

राजनीतिक जानकारों का दावा है कि यदि 2023 में भी जनता का वोट बदलाव वाला रहा तो बीजेपी को बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है. इसलिए बीजेपी किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाएगी. वह पहले से ही सीएम बदलने की तैयारी में है. इसके संकेत इस बात है कि मध्य प्रदेश सरकार में भी मंत्रिमंडल विस्तार होना है. एमपी मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल में ना तो क्षेत्र संतुलन हैं और ना ही जाति संतुलन ऐसे में सबसे बड़ी आदिवासी आबादी का प्रतिनिधित्व काफी सीमित है. यहां आंकड़ा बिगड़ा हुआ है.

क्षत्रिय समाज से ही 25% से ज्यादा मंत्री हैं.मध्यप्रदेश के 230  विधानसभा सीटों में ग्वालियर चंबल संभाग से 15% कम  सीटें आती हैं. लेकिन मंत्रिमंडल में इस रिजल्ट को 35% भागीदारी मिली हुई है.ऐसे में सिंधिया के सहारे मंत्रिमंडल के सभी विसंगतियों को आसानी से दूर किया जा सकता है. लेकिन सवाल अभी भी बने हुए हैं कि एमपी बीजेपी में शिवराज सबसे लोकप्रिय नेता हैं. उन्हें हटाने का रिस्क बीजेपी  लेगी इस पर सवाल है. क्योंकि नरेंद्र मोदी अमित शाह गृहमंत्री बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा उनकी तारीफ तारीफ के कसीदे पढ़ते हैं.

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