Thursday, April 25, 2024
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Gangajal को मुगल सल्तनत के बादशाह क्यों मांगे थे ‘मिनरल वाटर’?

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Gangajal to Why did the emperor of the Mughal sultanate ask for ‘mineral water’,

Gangajal :इब्नबतूता लिखते हैं कि सुल्तान मुहम्मद तुगलक के लिए दौलताबाद को नियमित रूप से गंगा से पानी की आपूर्ति की जाती थ. फ्रांसीसी इतिहासकार बर्नियर ने यह भी लिखा है कि मुगल शासक औरंगजेब अपनी यात्राओं के दौरान गंगा का रख-रखाव करता था.

Gangajal :मुगल साम्राज्य में कई शासक थे. कई मुगल शासकों ने देश पर शासन भी किया, लेकिन यहां किसी का भलाई नहीं किये. उसी समय, अकबर अन्य शासकों की तुलना में कम लोकप्रिय हो गया. हिंदुत्व से उनकी कोई दुश्मनी नहीं थी. अकबर ने जजिया को भी समाप्त कर दिया, जो उसके शासनकाल के दौरान हिंदुओं और अन्य गैर-मुसलमानों से तीर्थयात्रा पर लगाया जाने वाला कर था। बहरहाल, आज गंगा के बारे में है.

गंगा जल को लेकर हिंदू धर्म में विशेष मान्यता है. हिओन्दू गंगा को माता माना जाता है. हिंदू गंगा को अपनी मां और गंगा जल को बहुत पवित्र मानते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मुगल साम्राज्य के एक शासक ने गंगा के बारे में क्या सोचा था! Gangajal

अकबर गंगा जल को पवित्र मानते थे
मुगल बादशाह अकबर भी गंगा को पवित्र मानते थे. इस बात को आइन-ए-अकबरी में अबुल फजल ने अपन पुस्तक में बताता है. इस ग्रंथ के अनुसार अकबर को गंगाजल बहुत प्रिय था। उन्हें अक्सर अपने सैनिकों से गंगाजल प्राप्त होता था. अबुल फजल के अनुसार अकबर के विश्वस्त सेवक मटके में गंगाजल भरकर राज्य की मुहर लगाते थे. अकबर के अलावा कुछ अन्य मुगल शासक भी गंगा के जल को पवित्र मानते थे. Gangajal

अकबर गंगा के पानी को मिनरल वाटर मानकर पीते थे


इंडिया टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अकबर गंगाजल पीते थे. कहा जाता है कि उन्होंने इसे मिनरल वाटर के रूप में सोचा था. लेखक राम नाथ ने अपनी पुस्तक पर्सनल लाइफ ऑफ द मुगलों में लिखा है कि अकबर कहीं भी रहता था, लेकिन केवल गंगा जल का उपयोग करता था। 1571 में, अकबर ने वर्तमान आगरा जिले में स्थित फतेहपुर सीकरी नामक एक शहर की स्थापना की अकबर जब भी यहां रहता था तो उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों से गंगा जल लाता था. अकबर के सैनिक कभी गंगाजल हरिद्वार से लाते थे तो कभी कहीं और से खाना बनाते समय भी उसमें गंगाजल मिलाया जाता था. Gangajal

अकबर युद्ध में जाने पर भी गंगा जल ले जाते थे साथ


अकबर और कुछ अन्य मुगल बादशाहों को गंगा का पानी पीना पसंद था. इसके पीछे कारण यह था कि गंगा का पानी कभी व्यर्थ नहीं जाता. तब गंगा का जल शुद्ध और शुद्ध होता. इसे आसानी से लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है. ऐसे में अकबर या अन्य मुगल बादशाह जब भी युद्ध या बाहर जाते थे तो वे अक्सर गंगाजल अपने साथ ले जाते थे.

अकबर नाश्ते और दोपहर के भोजन के लिए भी गंगा जल का उपयोग करते थे


कई अन्य मुगल शासक भी गंगाजल के भक्त थे. वे इसे नाश्ते और दोपहर के भोजन के लिए इस्तेमाल करते थे. बादशाह अकबर से लेकर मुगल शासक औरंगजेब तक गंगा जल को अमृत और पियक्कड़ माना जाता था. 1325 से 1354 तक, मोरक्को के यात्री इब्न बतूता ने अपनी एशियाई यात्राओं का एक संस्मरण लिखते हुए कहा कि सुल्तान मुहम्मद तुगलक के लिए गंगा जल नियमित रूप से दौलताबाद पहुंचाया जाता था.

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