CM: सीएम शिवराज सिंह चौहान(Shivraj Singh Chauhan) भले ही दावा करते हैं कि पूरे प्रदेश में रेत का अवैध उत्खनन(illegal mining) और परिवहन पूरी तरह से बंद है. लेकिन सीएम शिवराज(CM Shivraj) के दावों की पोल खोल रहा है सीधी(sidhi) जिले का खनिज विभाग(Mineral Department) यहां सीधी जिले की खनिज अधिकारी(mineral officer) दीपमाला सीधी(sidhi) से नहीं बल्कि रीवा से पैरलल दफ्तर चला रही हैं. लेडी अफसर कि इस दबंगई से प्रदेश सरकार(state government) की जमकर किरकिरी हो रही है. ऐसे में सवाल है कि क्या अब शिवराज सरकार(Shivraj Sarkar) ऐसे अधिकारियों पर लगाम लगाएगी या फिर किरकिरी कराएगी.
सीधी – जिले में खनिज की अवैध खदानें संचालित होने से शासन को लाखों रुपए का राजस्व नुकसान हो रहा है। खनिज अधिकारी खदान संचालकों पर कार्यवाई करनें के बजाय उनको खुलेआम संरक्षण दे रही हैं। इन दिनों सोन नदी के घाट दुअरा, सर्रा, हनुमानगढ़, खैरा, झगरी एवं सिहावल, मझौली के बनास नदी में दर्जनों रेत की अवैध खदानें चल रही हैं किंतु खनिज विभाग द्वारा उक्त रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर कोई कार्यवाई नहीं की जाती. CM
खनिज विभाग उन्हीं प्रकरणों पर कार्यवाई करता है जिनके प्रकरण पुलिस के द्वारा खनिज विभाग को सौंपे जाते हैं। खनिज अमला वैध एवं अवैध खदानों का निरीक्षण नहीं करता जिसके कारण जिस भूमि के पट्टे के रेत व पत्थर, बाक्साइट, ग्रेनाइट आदि की खदानें स्वीकृत हैं उससे हटकर अन्य भूमियों में खदान संचालित होने पर ही खनिज विभाग द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जाता। जिले में रेत एवं पत्थर बाक्साइट, ग्रेनाइट की खदान के संचालकों द्वारा पर्यावरण एवं अन्य प्रदूषण को कम करनें के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है और न ही उनके द्वारा खनिज विभाग द्वारा जारी नियम निर्देशों का पालन ही किया जाता. CM
खनिज विभाग हमेशा अमले की कमी के कारण अवैध खदानों पर कार्यवाई न होने का राग अलापता रहता है। जबकि खनिज अधिकारी द्वारा स्वयं अवैध रेत संचालकों को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है। उनके द्वारा वैध एवं अवैध रेत खदानों का निरीक्षण नहीं किया जाता. CM
जगह-जगह संचालित मुरुम की अवैध खदानें
जिला प्रशासन के नाक के नीचे से मुरुम का अवैध कारोबार लंबे अरसे से बेखौफ जारी है। खनिज एवं कलेक्टर कार्यालय के सामने से अवैध मुरुम के वाहन आते-जाते हैं। इसके बाद भी मुरुम का अवैध कारोबार जारी है। जिले में मुरुम की एक भी निजी खदानें संचालित नहीं हैं फिर भी शहर में जो भी मकान बन रहे हैं उनमें खुलेआम हजारों ट्रैक्टर प्रतिदिन मुरुम का परिवहन हो रहा है। इतना ही नहीं जिन-जिन गांवों में शासकीय पहाडिय़ां हैं वहां-वहां खुलेआम मुरुम की अवैध खदानें संचालित हैं. CM
नगर पालिका सीमा से लगे कुकुड़ीझर, जोगीपुर, जमोंडी, पनवार, अमरवाह आदि दर्जनों स्थानों से मुरुम की अवैध खदानें संचालित हैं। उक्त खदानों से नगर पालिका क्षेत्र में प्रति दिन खुलेआम परिवहन किया जाता है। किंतु उक्त वाहनों पर खनिज विभाग के द्वारा कोई कार्यवाई नहीं की जाती। पुलिस ये कहकर कार्यवाई नहीं करती कि यदि हम लोग मुरुम के वाहनों को जब्त करते हैं और प्रकरण खनिज विभाग को भेजते हैं तो खनिज विभाग से वाहन तत्कान छूट जाते हैं जिसके कारण पुलिस मुरुम के वाहनों पर कार्यवाई नहीं करती। खनिज विभाग के संरक्षण में जिले में मुरुम का लाखों का अवैध कारोबार जारी है. CM
हप्ते में दो दिन कार्यालय में बैठती हैं खनिज अधिकारी
जिले का खनिज विभाग का कार्यालय रीवा से संचालित होता है। खनिज विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खनिज अधिकारी सीधी स्थित अपने कार्यालय में सोमवार को टीएल एवं मंगलवार को जन सुनवाई के कारण हप्ते में दो दिन सीधी कार्यालय में बैठती हैं। शेष दिनों में रीवा में बैठकर कार्यालय का संचालन करती हैं.
इतना ही नहीं बताया गया है कि रीवा में बैठे खनिज अधिकारी के रिश्तेदार भी खनिज कार्यालय सीधी में पूरा दखल रखते हैं। अवैध खदान संचालक सीधे खनिज अधिकारी के रिश्तेदारों के संपर्क में बने रहते हैं। यही कारण है कि खनिज अधिकारी अवैध खदान संचालकों के विरुद्ध कोई कार्यवाई नहीं करती। जिसके चलते शासन को हर महीने लाखों के राजस्व की हानि हो रही है और खनिज अधिकारी और खदान संचालक मालामाल हो रहे हैं। हालांकि नव पदस्थ कलेक्टर से जिले वासियों की काफी आशा है. CM