Sunday, April 14, 2024
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dairy farming business: साहिबान,गिर नस्ल की गाय से बंपर कमाई, दूध बेचकर सख्स ने कमाएं 30 लाख रुपए 

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dairy farming business : इस बिजनेस में कम लागत में बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है.  इस बिजनेस की खास ( special of this business ) बात यह है कि इसमें गाय के गोबर से लेकर दूध तक सब कुछ बिकता है.इसके अलावा गाय के गोबर का जैविक खाद ( cow dung organic fertilizer ) बनाकर खेतों में उपयोग किया जा सकता है. वहीं, दूध से कई तरह के उत्पाद बनाए और बेचे जा सकते हैं.

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Dairy Farming Business: डेयरी फार्मिंग बिजनेस आय ( dairy farming business income ) का एक बेहतरीन जरिया साबित हो रहा है.आप गांव में रहकर आय का जरिया बना सकते हैं.  इस बिजनेस में कम लागत में बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है. इस बिजनेस की खास बात यह है कि इसमें गाय के गोबर से लेकर दूध तक सब कुछ बिकता है.  इसके अलावा गाय के गोबर का जैविक खाद बनाकर खेतों में उपयोग किया जा सकता है.वहीं, दूध से कई तरह के उत्पाद बनाए और बेचे जा सकते हैं.

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के भानु भास्कर सिंह को कृषि से स्नातक करने के बाद नौकरी नहीं मिली।  उन्होंने खेती में अपना करियर बनाया.उन्होंने डेयरी फार्मिंग का बिजनेस शुरू किया.उनका कहना है कि डेयरी फार्मिंग व्यवसाय स्थापित करने के लिए देश के सभी क्षेत्र उपयुक्त हैं. भारत में अधिकांश डेयरी किसान पारंपरिक ( Most of the dairy farmers in India are traditional ) रूप से पशुओं को पाल रहे हैं, उन्हें डेयरी फार्मिंग की उन्नत तकनीकों की जानकारी नहीं है. नतीजतन, कुछ किसानों को अपने निवेश पर लाभ के बजाय नुकसान हो रहा है. dairy farming business

बैंक से कर्ज लेकर अच्छी नस्ल की गाय खरीदी

डेयरी फार्मिंग का व्यवसाय शुरू करने से पहले भानु ने एग्री क्लिनिक्स और एग्री बिजनेस सेंटर योजना से दो महीने तक प्रशिक्षण लिया.डेयरिंग फार्मिंग( dairy farming business) से उनकी अच्छी आमदनी हो रही है.डेयरी खोलने के लिए सबसे जरूरी है अच्छी नस्ल की गाय का चुनाव करना.भानू ने डेयरी का कारोबार शुरू करने के लिए बैंक से 20 लाख रुपये का कर्ज लिया.उन्होंने देशी नस्लें यानी साहीवाल, गिर और गंगातीरी गायें खरीदीं.इन गायों से कुल 40 से 50 लीटर दूध प्राप्त होता है. dairy farming business

इसके अलावा वे वर्मीकम्पोस्ट  ( warmicompost) बनाते हैं और इस खाद का इस्तेमाल अपनी 76 एकड़ जमीन में करते हैं. कुल 20 एकड़ भूमि पर जैविक खेती की जाती है.उनका कहना है कि धीरे-धीरे वे सभी जमीन पर जैविक खेती करेंगे.वह अन्य किसानों को भी जैविक खेती की सलाह देते हैं. नाबार्ड ने उन्हें 36% सब्सिडी दी है.

डेयरी फार्मिंग से आय

भानु डेयरी व्यवसाय से अच्छी खासी कमाई कर रहा है. प्रबंधन के मुताबिक उनके सोनभद्र डेयरी फार्म का टर्नओवर सालाना 30 लाख रुपए हो गया है. 5 गांवों के 150 किसान इनसे जुड़े हैं.इनमें 4 कुशल व 10 अकुशल श्रमिक कार्यरत हैं.

गिर गायों की गिनती भारत की सबसे ज्यादा दुधारू गायों में होती है. इसके थन काफी बड़े होते हैं. गुजरात के गिर जंगलों में पाई जाने वाली ये गाय पूरे भारत में पाली जाती हैं. इसके अलावा इजरायल और ब्राजील ( Israel and Brazil ) जैसे देशों में भी इस गाय को पाला जाता है. औसतन यह गाय 12 से 20 लीटर तक दूध देती है. हालांकि, अच्छे तरह से ख्याल रखे जाने पर ये गाय 50 से 80 लीटर दूध दे सकती है. महीने के हिसाब से ये तकरीबन 2400 लीटर दूध देने की क्षमता रखती है.

कई बार किसान कम दूध देने वाली नस्लों की गायों को चुन लेते हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है।  यहां हम आपको गायों की कुछ ऐसी नस्लों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें फॉलो करने से किसान को हमेशा मुनाफा मिलता रहेगा.

साहिवाल गाय

साहिवाल गाय हरियाणा ( Sahiwal Cow Haryana ) , उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पाली जाती है. यह गाय भी रोजाना 10-20 लीटर से ज्यादा दूध देने की क्षमता रखती है. अच्छी देखभाल पर इस गाय के दूध देने की क्षमता बढ़कर 40 से 50 लीटर हो सकती है.  किसानों और डेयरी मालिकों के लिए ये गाय हमेशा से पसंदीदा रही है.

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