Coal mafia dominate – मध्यप्रदेश को मिलावट मुक्त बनाने के लिए सीएम शिवराज (CM Shivraj) भले ही मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है हर दिन मंच से कहते हैं कि मैं मिलावटखोरों (adulterants)को छोडूंगा नहीं उन्हें कुचल देंगे लेकिन सिंगरौली(Singrauli) जिले में कोयले में हो रहे मिलावट के लिए यह आदेश लागू नहीं होते यहा हर दिन एक करोड़ से ज्यादा का कोयला चोरी होता है उसके एवज में कोयले में मिलावट की जाती है.
Coal mafia dominate – सिंगरौली जिले के बरगवां व महदैया रेलवे यार्ड के कोयले मैं मिलावट का खेल होता है मिलावट के इस खेल में जहां कोयले की गुणवत्ता खराब होती है तो वहीं दूसरी तरफ मिलावट के इस काले कारनामे में रेत कोयला माफिया और ट्रांसपोर्ट लाखों रुपए काली कमाई करते हैं कोयले में मिलावट के लिए ट्रांसपोर्ट(Transport) बरगवां,डगा ,मकरोहर समेत छत्तीसगढ़ के आसपास के इलाकों से स्टोन डस्ट इकट्ठा करते हैं. और जब रेलवे को रैक लगना होता है उसी रात कोयले में मिलावट की जाती है माफिया पहले से ही कोल यार्ड में स्टॉक से कम कोयला रखते हैं.
Coal mafia dominate – कोयला माफिया रैक स्टाक को मेंटेन करने के लिए वह स्टोन डस्ट और मुरूम डाल देते हैं जिसके बाद उस पर पानी का छिड़काव किया जाता है. जिससे कोयला में स्टोन डस्ट और मुरूम बढ़िया से मिक्स हो सके. कुछ इस तरह इस कोयले की मिलावट का गोरखधंधा बदस्तूर जारी है.यह पूरा काम प्री प्लानिंग के तहत किया जाता है जहां कोयला माफिया रेलवे रैक लगने के 1 दिन पहले रातों-रात वहां पर स्टोन डस्ट कोयले में मिला दिया जाता है. कोयले में स्टोन डस्ट मिलाने के लिए जेसीबी मशीन पहले से ही तैनात रहती है.Coal mafia dominate
माफियाओं को मिलती है सुरक्षा!
कोयले की मिलावट के इस खेल में माफिया जीआरपी के साथ मिलकर प्रतिदिन करोड़ों रुपए की काली कमाई करते हैं इसमें जीआरपी पुलिस भी खूब मालामाल हो रही हैं.बरगवां के एक क्रेशर संचालक के यहां की स्टोन डस्ट को ना केवल स्टाक करते बल्कि अन्य क्रेशरो स्टोन डस्ट लाकर बरगवां क्रेशर संचालक के यहां स्टाक किया जाता है. मिलावट का यह पूरा खेल रात के अंधेरे में ही होता है जिससे इन चोरों की कलाई ना खोलें इस पर कई विभाग कोयला माफियाओं को उस दिन सुरक्षा देते हैं.Coal mafia dominate
GRP की भूमिका संदिग्ध !
जीआरपी में रेलवे में कानून-व्यवस्था बनाए रखना है. जीआरपी उन सभी क्राइम को देखती है, वह रेलवे सहित रेल संपत्ति की चोरी रोकने की जिम्मेदारी इन्हीं के पास होती है. जीआरपी के पास स्टेशन या ट्रैक से आस-आस का हिस्सा भी आता है. जीआरपी के अधिकारों की बात करें तो जीआरपी गिरफ्तार करती है. सूत्रों की माने तो जीआरपी पुलिस का भी कुल माफियाओं ने रेट फिक्स कर रखा है जीआरपी पुलिस मालामाल हो रही है यही वजह है कि वह कोयले के इस मिलावट के खेल में माफियाओं को के लिए आंख बंद कर लेते हैं.Coal mafia dominate