CM Shivraj ji soybean crop collapsed : शाजापुर — जिले में बे मौसम बारिश से किसानों की फसले पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं किसानों की मेहनत पर बारिश ने पानी फेर दिया. इन दिनों जिले में सोयाबीन की फसल का कटाई का काम चालू है और कई किसानों ने अपनी फसल काट तो लिए लेकिन फसल अभी भी खेतों पर ही पड़ी है. मौसम के इस मार से किसानों की कमर टूट गई है अब किसानों को सीएम शिवराज जी सहारा बन सकते हैं.
CM Shivraj ji soybean crop collapsed : बता दें कि दो-तीन दिनों से बारिश का दौर जारी है बारिश से वर्तमान में सोयाबीन की फसल को भारी नुकसान हुआ है किसानों का कहना है की कटी व खड़ी हुईं फसल में भारी नुकसान हैं. जो फसल पक कर तैयार हो चुकी है उसमें भी काफी नुकसान है. किसानों ने अपने खून पसीने की कमाई से की गई मेहनत पानी में बह गई. किसान ही तो हैं इस देश का जो अन्न पैदा करता है एवं देश की अर्थ व्यवस्था को चलाता हैं जिससे पूरा देश खुशहाल जीवन जीता है.

अगर ऐसे में किसान की बे मौसम बारिश से किसानों की फसलें घर में आने की बजाय अपने खेत खलियान में ही पड़ी रह जाती हैं व सड़ने लग जाती है तो देश का क्या होगा ये सोचने वाली बात है.अगर इस हाल में भी शासन प्रशासन ध्यान नहीं देता है तो किसान तो पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा. जब किसान अपने खेतों की बुवाई जुदाई करवाता है तो उसके कई अरमान होते हैं वह उस खेती से ही अपने परिवार का भरण पोषण करने का सपना सच में रहता है लेकिन अब जब उनकी फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं तो वह शासन प्रशासन सहित जिम्मेदार के ऊपर निगाहें टीका के रखता है.

ऐसे में शासन व जिला प्रशासन को किसानों के ऊपर कहर बरपा हैं इसके लिए जिम्मेदार को अवगत करा कर किसानों की फसलें बे मौसम बारिश से बर्बाद हुवी हे उसका राजस्व अधिकारियों द्वारा किसानों के खेत खलियानों में जाकर नुकसानी का सर्वे कराकर किसानों को आर्थिक सहायता राशि जल्दी मिल सके किसानों के लिए जिला प्रशासन को आगे आना चाहिएं राजस्व अधिकारियों को निर्देशित कर किसानों को राहत राशि दिलवाई जाए जिससे किसानों की फसलों में बे मौसम बारिश से जो कमर तोड़ नुकसान हुवा उसका मुवावजा मिल सकें।

किसान सुनील ने बताया कि बारिश होने से 60 से 70 परसेंट की फसल बर्बाद हो चुकी है. 3 दिन के इस बारिश से अभी सोयाबीन की फसल 20% भी नहीं कटी है अभी सब खेतों में ही पड़ा हुआ है. जो फसल खेतों में है वह डूब गई है कुछ फसल अभी भी खेतों में ही खड़ी है. अब सोयाबीन की फसल में दाने उगना शुरू हो गए हैं. किसान ने महंगे दामों में बीज खरीद कर किसी तरह बोया अब फसल बर्बाद होने के बाद मायूस हो गया है शासन प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए.