Big solar Power plant : प्रस्तावित परियोजना की लागत 600 करोड़ रुपये से बढ़कर 10,000 करोड़ रुपये हो जाएगी. 1400 मेगावॉट के सोलर पावर प्लांट (solar power plant) के लिए जमीन का आवंटन और अन्य कवायद(allotment and other exercise) तीन साल से चल रही है। कोरोना(Corona) के दौरान यह प्रक्रिया पटरी से उतर गई थी।
कोरोना गाइडलाइंस (corona guidelines)से उबरने के बाद कवायद तेज कर दी गई है। इसके लिए दो हजार 800 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, लेकिन 3500 हेक्टेयर भूमि आवंटित (hectares of land allotted)करने की कवायद चल रही है. सितम्बर 2022 तक 3 हजार 232 हेक्टेयर भूमि आवंटित की जा चुकी है।
तत्कालीन कलेक्टर भरत यादव के नेतृत्व में 2019 में त्वरित भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू हुई थी। तत्कालीन कलेक्टर प्रियंका दास ने भी रुचि दिखाई और परियोजना के लिए 3174 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की गई। लेकिन कोरोना के दौरान सरकारी दफ्तरों और सरकारी गतिविधियों के बंद रहने के कारण इसमें देरी हुई।
तत्कालीन कलेक्टर बी कार्तिकेयन के कार्यकाल में भूमि आवंटन के कार्य में तेजी आई थी। पुराने प्रस्ताव पर काम होता तो अब तक भूमिपूजन हो गया होता। राजस्थान के जोधपुर में सबसे बड़ा प्लांट जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी गिरजेशनारायण शुक्ल के अनुसार जोधपुर के भादली में 2245 मेगावाट क्षमता का विश्व का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया है। मुरैना में 2500 मेगावाट लगाने की योजना है. Big solar Power plant
चंबल संभाग की बिजली जरूरतें पूर्ण सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के बाद चंबल संभाग न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा बल्कि निर्यात भी कर सकेगा। मुरैना जिले में करीब 350 मेगावाट बिजली की खपत होती है।
भिंड और श्योपुर में करीब 500 मेगावाट बिजली की खपत होती है। अब इसकी क्षमता बढ़ाकर करीब 1100 मेगावाट की जा रही है। ऐसे में आवश्यकता की पूर्ति ग्वालियर तक की जा सकती है। भूमि पूजन जनवरी में संभव, यदि शेष भूमि आवंटन की प्रक्रिया अगले दो माह में पूरी हो जाती है तो सौर ऊर्जा संयंत्र का भूमि पूजन जनवरी के अंत या फरवरी में किया जा सकता है.Big solar Power plant
ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष गिर्राज दंडोतिया को भी उम्मीद है कि क्षमता वृद्धि के लिए आवश्यक भूमि आवंटन की प्रक्रिया एक-दो माह में पूरी कर ली जाएगी। उसके बाद विधिवत भूमि पूजन किया जाएगा। यह पिछले कुछ वर्षों में जिले की सबसे बड़ी निवेश परियोजना होगी। सौर ऊर्जा संयंत्रों से सस्ती बिजली संभव कोयला और पानी आधारित बिजली उपभोक्ताओं के लिए बहुत महंगी है। घरेलू उपभोक्ताओं को औसतन 8 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान करना पड़ता है.Big solar Power plant
एक बिजली कंपनी के पूर्व सुपरवाइजर मोहित शर्मा के अनुसार सौर ऊर्जा की औसत लागत दो से तीन रुपए प्रति यूनिट के आसपास होती है। निर्वाध उपलब्ध हो सकेगी बिजली विश्व की सबसे बड़ी सोलर पावर परियोजना की सौगात मिल जाने के बाद बिना बाधा बिजली आपूर्ति उपलब्ध हो सकेगी। वर्तमान अधोसंरचन में दिन में कई बार बिजली का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन जानकारों का मानना है कि सोलर पावर प्लांट शुरू हो जाने के बाद यह समस्या पूरी तरह खत्म हो सकती है।
सोलर पावर प्लांट के लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है, जो रह गई वह भी एक-दो माह में पूरी हो जाएगी। जनवरी के अंत तक इसका भूमिपूजन कराने की तैयारी है। यह विश्व की सबसे बड़ी सोलर पावर परियोजना होगी।
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